समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की भतीजी और निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष संध्या यादव ने बुधवार को मैनपुरी में नामांकन किया। अचम्बित करने वाली बात ये है कि वह अपनी पार्टी छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ रही हैं। संध्या यादव भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ कलक्ट्रेट स्थित अपर जिलाधिकारी न्यायालय में पहुंचीं और अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इनके अलावा अन्य प्रत्याशियों ने नामांकन किया।
बुधवार से जिला पंचायत सदस्य पद के लिए कलक्ट्रेट स्थित अपर जिलाधिकारी न्यायालय में नामांकन हुए। यहां नामांकन लेने के लिए तीन एआरओ तैनात रहे। उन्होंने प्रत्याशियों के नामांकन पत्र जमा किए। दोपहर बाद मुलायम सिंह की भतीजी और निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष संध्या यादव नामांकन करने पहुंची। वह अपने पति अनुजेश प्रताप यादव और भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान के साथ नामांकन स्थल पर पहुंचीं।
संध्या यादव ने एआरओ को अपना नामांकन पत्र सौंपा। इसके बाद वह वापस लौट गईं। दिन भर यहां विभिन्न दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों की नामांकन के लिए कतार लगी रही। अपर जिलाधिकारी बीराम और उप जिलाधिकारी सदर ऋषिराज लगातार प्रत्याशियों को कतार में खड़े रहने के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं संभालते नजर आए। इससे पहले संध्या यादव ने भाजपा कार्यालय पर पहुंचकर आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री व पार्टी के अन्य नेताओं से मुलाकात की।
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प्रत्याशियों के साथ पहुंचे सपा विधायक और एमएलसी
सपा समर्थित कई प्रत्याशी भी बुधवार को जिला पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन करने पहुंचे। उनके साथ पार्टी पदाधिकारियों के अलावा एमएलसी अरविंद प्रताप, सदर विधायक राजकुमार यादव और विधायक किशनी ब्रजेश कठेरिया पहुंचे। सदर विधायक राजकुमार यादव वार्ड मैनपुरी प्रथम से पत्नी वंदना यादव का नामांकन कराने पहुंचे। विधायक किशनी ब्रजेश कठेरिया जागीर द्वितीय वार्ड से सुमन यादव का नामांकन कराने पहुंचे।
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार नामांकन स्थल पर केवल प्रत्याशी और उसके प्रस्तावक को ही जाने की अनुमति दी गई है, लेकिन ये नियम माननीयों पर लागू नहीं होता है। संध्या यादव के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान व समर्थक नामांकन कक्ष तक गए। सपा प्रत्याशियों के साथ विधायक किशनी ब्रजेश कठेरिया व अन्य पदाधिकारी धड़ल्ले से गए। इन्हें रोकने की जहमत न तो यहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उठाई और न ही अधिकारियों ने। पूरे दिन नामांकन के दौरान नियम टूटते रहे।