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कोरोना के कारण मुंबई का सबसे बड़ा मां दुर्गा का पंडाल हुआ वर्चुअल

navratri 2020

नवरात्रि

लाइफ़स्टाइल डेस्क। नवरात्र के खास मौके पर देशभर में मां दुर्गा के भव्य  पंडाल सजाए जाते है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के कारण दुर्गा पूजा का त्योहार फीका सा बढ़ गया। इसी कारण मुंबई का सबसे बड़ा और पुराना दुर्गा पूजा पंडाल को नॉर्थ बॉम्बे सर्बोजनिन दुर्गा पूजा समिति के सदस्यों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए लाइव ब्राडकास्ट करने का फैसला लिया है। जिसे आप इनकी ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर कर सकते हैं।

जिससे कि इस घातक बीमारी को फैलने से रोका जा सके। यह दुर्गा पूजा खासतौर पर मुखर्जी परिवार की तरफ से होता है जहां रानी मुखर्जी काजोल अयान मुखर्जी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और प्रत्येक दिन फिल्मी जगत के कई कलाकार यहां दुर्गा मां का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं

हर साल दुर्गा पूजा के खास अवसार में  नॉर्थ बॉम्बे सर्बोजनिन दुर्गा पूजा समिति 24 फीट की मां की मूर्ति स्थापित करती है लेकिन इस बार कोरोना गाइलाइन्स का ध्यान रखते हुए सिर्फ 4 फीट की ही मूर्ति स्थाबपित की है। जिसे सांताक्रूज में एक छोटे से हॉल में कार्यक्रम स्थल स्थापित किया गया है।

इसके साथ ही बुजुर्ग सदस्यों से अपील की गई हैं कि वह घर पर ही रहे। इसके साथ ही पंडाल में अन्य लोगों को कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने की सख्त हिदायत दी गई है। इसके साथ ही भोग, प्रसाद या मूर्ति को छूने वर्जित है। इस बार बिना फूलों के 2 घंटे सुबह अंजली और शाम को 2 घंटे आरती होगी।

इस बारे में देब मुखर्जी ने कहा, ”हम हर साल भारत भर में सैकड़ों और हजारों भक्तों के लिए उत्सव का आयोजन करते हैं, हालांकि उत्सव इस बार वर्चुअल होगा। हम इस कठिन समय में हमारी मदद करने के लिए माँ दुर्गा का आशीर्वाद चाहते हैं। हम अपने वर्चुअल उत्सव के माध्यम से लाखों लोगों तक पहुंचकर खुश हैं। हमने कुछ नियमों को निर्धारित किया है जो पंडाल  आने वाले हर सदस्य को जरूर पालन करने पड़ेगे।’

आपको बता दें कि दुर्गा पूजा विजयदमशी तक मनाया जाता है। इन दिनों में मां को विभिन्न तरीके से पूजा-अर्चना की जाती है। जानिए किन दिन कैसे की जाती हैं मां दुर्गा की पूजा

इस दिन माँ का बहुत धूमधाम से स्वागत किया जाता है। शाम को कुलो  को पान , सिन्दूर, आल्ता, शीला, धान आदि से सजाया जाता है। इसके साथ ही शंख, नगाड़ा की ध्वनि के बीच मां का स्वागत किया जाता है इसे आम्रट्रोन और अधिवस -माया का बोधन कहा जाता है।

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