नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने की कवायद चल रही है। तो वहीं सीबीआई की कोर्ट में बाबरी विध्वंस की सुनवाई जारी है। सीबीआई ने गुरुवार को भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी के बयान दर्ज किए हैं।
मुरली मनोहर जोशी ने घटना में शामिल होने से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारण से उन्हें फंसाया गया। मुरली मनोहर जोशी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीबीआइ कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया। अब 24 जुलाई को भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी का बयान दर्ज किया जाएगा। आडवाणी का बयान दर्ज किए जाने से पहले बुधवार रात में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आडवाणी के घर जाकर उनसे मुलाकात की।
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बता दें, इससे पहले कोर्ट ने 28 मई को कल्याण सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 32 आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया था। लेकिन आरोपियों के वकीलों ने कोर्ट को बताया था कि यह सभी भी लोग अलग-अलग राज्यों में रहते हैं। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के अंतर्गत बुजुर्गों की यात्रा पर रोक लगा रखी है। कोर्ट को इस मामले में 31 अगस्त से पहले फैसला सुनाना है।
विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले की रिपोर्ट छह दिसंबर 1992 को थाना राम जन्मभूमि में दर्ज कराई गई थी। विवेचना के दौरान आरोपितों के विरुद्ध विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। मामले के विचारण के दौरान 17 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। फिलहाल कल्याण सिंह लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, चंपत राम बंसल एवं महंत नृत्य गोपाल दास समेत 32 आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा चल रहा है।