कानपुर। विधान सभा चुनाव के नामांकन के बाद बुधवार को जब कागजों की जांच हुई तो मुर्दा का नामांकन रद्द हो गया। इससे मुर्दा धरने पर बैठ गया और बार-बार कह रहा कि मैं जिंदा हूं और मेरा नामांकन साजिश के तहत रद्द कराया गया है।
दरअसल, कानपुर में तीसरे चरण के तहत विधान सभा का चुनाव हो रहा है और नामांकन की आखिरी तारीख एक फरवरी थी। इसके बाद दो फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच कर खामियां पाये जाने पर उन्हे रद्द किया गया। इनमें से एक नामांकन मुर्दा का भी रहा और रद्द होने पर मुर्दा धरने पर बैठ गया। उसका आरोप है कि जान बूझकर नामांकन रद्द कराया गया है ताकि उसे जिंदा होने का प्रमाण पत्र न मिल सके।
बताते चलें कि महाराजपुर विधान सभा सीट से जन संघ पार्टी से संतोष मूरत सिंह ने नामांकन कराया था। उसका आरोप है कि सरकारी दस्तावेजों में उसे मुर्दा घोषित कर दिया गया है। इस दौरान उसकी जमीन भी हड़प ली गई। 20 साल से जिंदा होने की वह लड़ाई लड़ रहा है। लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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युवक का कहना है कि वह मूल रुप वाराणसी का रहने वाला है। उनकी जमीन तक हड़प ली गई और अपनी आवाज उठाने के लिए वह दिल्ली के जंतर मंतर में धरना भी दिया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
वहीं उनकी पूरी जानकारी गूगल में भी पड़ी है। इस दौरान उनके ऊपर एक फिल्म भी बनाई गई जिसका नाम कागज था लेकिन आज तक वह मैं जिंदा हूं की तख्ती गले मे टांग कर न्याय की गुहार लगा रहा है।