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कानपुर देहात में व्यापारी की अपहरण के बाद हत्या, 20 लाख की मांगी थी फिरौती

व्यापारी की अपहरण के बाद हत्या

व्यापारी की अपहरण के बाद हत्या

कानपुर। कानपुर देहात में 15 जुलाई की रात नेशनल धर्मकांटा पर सो रहे कर्मचारी बृजेश कुमार का अपहरण कर हत्या कर दी गयी है। बृजेश कुमार की लाश कुएं में मिली है।

अपहर्ताओं ने परिजनों को फोन कर 20 लाख की फिरौती मांगी थी। साथ ही पुलिस को सूचना देने पर बृजेश को जान से मारने कि धमकी दी थी। अपहर्ताओं ने परिजनों को 5 दिन की मोहलत दी थी और ये कहा था कि अब पांच दिन बाद ही बात होगी। जिसका ऑडियो वायरल हुआ था।

जबकि एसपी अनुराग वत्स ने पुलिस की 11 टीमें लगाकर बृजेश की तलाश की जाने की बात काही थी। मगर घटना के 13 दिन बाद आज देवराहट थाना क्षेत्र में बृजेश का शव मिलने की सूचना सामने आ रही है। कानपुर देहात में अपहरण के बाद फिरौती न मिलने पर एक युवक की हत्या से क्षेत्र में सनसनी फ़ेल गयी है।

परेशान घरवाले कह रहे हैं कि बेटे की सलामती के लिए घर, खेत व जेवर बेचकर वे 20 लाख फिरौती की रकम देने की तैयारी में ही थी मगर मगर अफसोस इस दौरान अपहरणकर्ताओं ने बृजेश को मौत के घाट उतार दिया। पारिजाओं ने धर्मकांटा मालिक व उसके सहकर्मी पर शक जताते हुए कहा कि पुलिस ने उनसे कड़ाई से पूछताछ नहीं की।

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बृजेश पाल का अपहरण 15 जुलाई को हुआ था और अगले दिन 20 लाख की फिरौती के लिए बृजेश के ही मोबाइल नंबर से अपहर्ताओं ने फोन किया था। पुलिस के कोई ठोस सुराग हासिल न कर पाने से स्वजन हिम्मत हारते जा रहे थे। बेटे की सलामती के लिए वे किसी भी तरह फिरौती की रकम देने का मन बना चुके है। उनका कहना है कि पुलिस ने सही से जांच नहीं की। बहन आरती व पिता शिवनाथ ने बताया कि धर्मकांटा मालिक व उसके सहकर्मी से पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ नहीं की, उन्हें इन लोगों पर भी शक है। घटना के बाद से लगातार दोनों बृजेश के चरित्र पर सवाल उठाकर मामले को किसी और ही दिशा में ले जाना चाह रहे है। इसके अलावा सील हुए धर्मकांटा को भी अब खोल दिया गया है, यहां पर फॉरेंसिक जांच घटना के बाद कराई जानी थी, जिससे कोई फिगर प्रिट तो मिलते।

सीओ को नहीं मिला बृजेश का घर

सीओ भोगनीपुर को बृजेश का घर तक नहीं पता था। बहन अनीता ने कहा कि सीओ गांव वालों से पूछते रहे कि बृजेश का घर कहां है, किसी तरह वह घर के पास पहुंचे भी तो यहां न आकर पास में प्रधान के घर चले गए। वह सवाल करती हैं कि जब सीओ को घर भी नहीं पता तो वह कैसे जांच करेंगे।

बृजेश के भाई दहशत में

पिटाई के बाद से बृजेश के फुफेरे भाई मुकेश व मौसेरे भाई अखिलेश कुमार दहशत में है। अब वह किसी के सामने नहीं आ रहे है। किसी के बुलाने पर बहाना बनाकर अंदर ही रहते है।

पड़ोसी महिला व युवक से की पूछताछ

अपहरण कांड में पुलिस ने शक के आधार पर भोगनीपुर पुलिस ने पुरैनी गांव निवासी एक युवक को उठाया था। इसके अलावा चौरा गांव की भी एक महिला को हिरासत में लिया गया था। बृजेश की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) से पता चला है कि दोनों की उससे बातचीत होती थी। पुलिस ने उनसे घटना के समय, लोकेशन व बृजेश के परिचितों के बारे में पूछताछ की थी। दोनों ही घटना में अपना हाथ होने से इंकार करते रहे। करीब छह घंटे तक पूछताछ के बाद गांव से बाहर न जाने की हिदायत देकर छोड़ा। सीओ आशापाल सिंह ने बताया कि शक के आधार पर पूछताछ की गई है।

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