लखनऊ। गोरखनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों पर हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी (Murtaza) ने एक और बड़ा खुलासा किया है। उसने पूछताछ में बताया है कि हनी ट्रैप (Honey Trap) के साथ उसका आईएसआईएस (ISIS) से जुड़े लोगों से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ था। इस खुलासे के बाद एटीएस और एनआईए ने अपनी जांच का दायरा और बढ़ाया है।
आरोपी मुर्तजा से शुक्रवार को भी एटीएस और अन्य एजेंसियों के अधिकारियों ने पूछताछ की। उसने पूछताछ में बताया कि हनी ट्रैप के साथ शुरू हुआ था उसका आईएसआईएस से जुड़े लोगो से बातचीत शुरू हुई थी। उसने बताया कि आईएसआईएस के कैंप में फंसी लड़की के नाम पर उसके पास एक मेल आई थी। मेल में उससे उस युवती ने आर्थिम मदद मांगी थी। मुर्तजा ने उसके लिए 40 हजार रुपये भेजे थे। उसके बाद उस लड़की बातचीत शुरू हुई थी। उस लड़की ने अपनी फोटो भेज कर भारत आकर उससे मिलने का वादा किया था। ईमेल से शुरू हुई बातचीत के साथ ही मुर्तजा आईएसआईएस में शामिल होने की तैयारी करने लगा था। उसके बाद मुर्तजा ने उस युवती के खाते में तीन बार रुपये भेजे थे।
उधर, गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवानों पर हमले के आरोपी मुर्तजा के पास से मिली मजहबी किताब में उसके जिहादी मंसूबों के कोडवर्ड भी हैं। वह जिहाद का पाठ पढ़ाने वाले अपने गुरुओं से इन्हीं कोड में बातचीत करता था। एटीएस ने इनमें से कुछ शब्दों को डीकोड कर उसके मायने निकाले तो मुर्तजा के खतरनाक इरादे भी सामने आए।
एटीएस को मुर्तजा के घर से जिहादी लिटरेचर मिला है। इसमें एक अरबी किताब भी है। शुरूआती जांच में माना जा रहा था कि अपने धर्म के प्रति निष्ठा की वजह से मुर्तजा इसे पढ़ता था। मुर्तजा के साथ एटीएस उस किताब को भी लखनऊ मुख्यालय लेकर आई। यहां बारीकी से जांच करने पर किताब में कई शब्दों को हाईलाइटेड पाया गया।
एटीएस ने अरबी के जानकारों से इन शब्दों के मायने पता लगाए तो मुर्तजा के जिहादी मंसूबे सामने आ गए। अधिकारियों का कहना है कि मुर्तजा ने आतंकी आकाओं से बातचीत के लिए अरबी के इन्हीं शब्दों को कोडवर्ड बना रखा था ताकि सुरक्षा एजेंसियां पकड़ न पाएं।
- उड़ान
देश में या देश के बाहर फोन पर बात करते समय फ्लाइट को अरबी में रिहलत तयारान बोला जाता था। इसका मतलब उड़ान होता है। मुर्तजा ने किताब में इस शब्द को मार्कर से हाईलाइट किया था।
- संघर्ष
मुर्तजा का ब्रेनवॉश करने के लिए अरबी के अलजिहाद शब्द का प्रयोग होता था। किताब में इस शब्द को भी मार्क किया गया है ताकि हर वक्त याद रहे। जिहाद के अर्थ पर मतभेद हैं। आमतौर पर इसे इस्लामी हुकूमत के लिए संघर्ष करने से समझा जाता है। कुरान के कई व्याख्याता जिहाद का अर्थ अपनी बुराइयों पर विजय पाने या संघर्ष से लेते हैं।
- आकाश
मुर्तजा को फिदायीन बनाने के लिए उसे जन्नत के बारे में जानकारी दी जाती थी। अरबी शब्द समाउन को उसकी किताब में हाईलाइट किया गया है। इस शब्द का मतलब आकाश होता है।
- अब्दुल्ला
मुर्तजा को जिहाद के रास्ते पर ले जाने वाले बातचीत में उसका नाम न लेकर उसे अरबी के शब्द अब्दुल्ला कहकर बुलाते थे। इस शब्द का मतलब अल्लाह का बंदा होता है।
- मेहमान
मुर्तजा से मिलने के लिए जब भी कोई बाहरी आता था तो उसे पहले इसकी जानकारी दी जाती थी। इसके लिए अरबी में दइफुन बोला जाता था जिसका मतलब मेहमान है।
- बख्शीश
मुर्तजा के साथ जब भी फंडिंग से संबंधित कोई बातचीत होती थी तो उसको अरबी में संदेश जाता था कि बख्शीश भेज दी गई। इस शब्द का संदेश मुर्तजा को मिलता, जिसका मतलब पैसा पहुंच गया।
- खटमल
मुर्तजा से बातचीत में पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों को खटमल बोला जाता था। उसे अलर्ट करने के लिए अरबी में बक अलफिराशी शब्द का प्रयोग होता था, जिसका मतलब खटमल आसपास हैं।
गजवा-उल-हिंद के आतंकियों से होगा सामना
लखनऊ से जुलाई में पकड़े गए अलकायदा समर्थित गजवा-उल-हिंद संगठन के आतंकियों के पास मिली डायरी में भी इसी तरह के कोड वर्ड थे। एटीएस अफसरों का कहना है कि आतंकी संगठन भारतीय युवाओं को जिहादी बनाने के लिए अरबी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। यह थोड़ी कठिन भाषा है जिसे जल्दी समझा नहीं जा सकता। संभव है कि मुर्तजा भी उसी संगठन से ताल्लुक रखता हो। इसका पता लगाने के लिए जेल में बंद मिनहाज और उसके बाकी साथियों से मुर्तजा का सामना कराया जाएगा।