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महाशिवरात्री की रात जरूर करें ये काम, मनोवांछित फल की होगी प्राप्ति

Masik Shivaratri

Masik Shivaratri

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का त्योहार भगवान शिव को समर्पित है. शिव पुराण के अनुसार, महाशिवरा‍त्रि की रात बहुत ही खास होती है. महाशिवरात्रि की रात को कुछ विशेष उपाय को बड़ा ही कारगर माना जाता है. ज्योषिविद कहते हैं कि ये उपाय करने से जीवन के सारे संकट दूर हो सकते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है. आइए आज आपको बताते हैं कि महाशिवरात्रि की रात पांच कौन से चमत्कारी उपाय करने चाहिए.

शिवलिंग की स्थापना- महाशिवरात्रि (Mahashivratri) की शाम को अपने घर में एक छोटे से पारद शिवलिंग की स्थापना करें. यह शिवलिंग आपके अंगूठे के पहले पोर से ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए. इसे स्थापित करने के बाद हर पहर में उसकी विधिवत पूजा करें. इस उपाय से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आएगी.

सुहाग सामग्री का दान- महाशिवरात्रि पर सांध्यकाल की पूजा के बाद किसी जरूरतमंद सुहागिन स्त्री को सुहाग की चीजें दान करना उत्तम माना जाता है. यह एक उपाय करने से सौभाग्य और पति की दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है. इस दान को गुप्त रखें और इसके बारे में किसी को न बताएं.

शिव मंदिर में 11 दिये- यदि आप नौकरी, कारोबार से जुड़ी समस्याओं को झेल रह हैं तो महाशिवरात्रि की रात शिव मंदिर में जाकर 11 दीपक जलाएं. इसके बाद वहीं खड़े होकर ‘ओम नमः शिवाय’ का मन ही मन जाप करें. आपके समस्याएं जल्दी ही खत्म हो जाएंगी. शिव पुराण के अनुसार, कुबेर देव ने पूर्वजन्म में रात के समय शिवलिंग के पास दीपक प्रज्वलित किया था. इसी वजह से वो अगले जन्म में देवताओं के कोषाध्यक्ष बने.

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शमी पत्र और रुद्राक्ष- महाशिवरात्रि (Mahashivratri)पर सांध्यकाल या रात्रिकाल के समय भगवान शिव को शमी पत्र या रुद्राक्ष अर्पित करें. यह एक उपाय आपको न सिर्फ आर्थिक मोर्चे पर मालामाल करेगा, बल्कि जीवन में चल रही तमाम समस्याओं को भी किनारे करेगा. शिवजी को शमी पत्र और रुद्राक्ष अर्पित करने के बाद हाथ जोड़कर अपनी परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करें.

रात्रि जागरण- महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण का भी विशेष महत्व बताया गया है. महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण करते हुए शिव सहस्रनाम का पाठ करें. या शिव-विवाह की कथा और शिव पुराण का पाठ करें. जो भक्त भगवान शिव की आराधना किए बगैर सो जोते हैं, उन्हें व्रत की उपासना का पूर्ण फल नहीं मिल पाता है. रात्रि जागरण से पहले शाम को स्‍नान करके स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें और फिर भजन कीर्तन करें.

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