नई दिल्ली| देश में त्योहारी मांग और निर्यात बढ़ने के कारण बीते सप्ताह दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में लगभग सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार का रुख देखने को मिला। खासकर मूंगफली की मांग बढ़ने से इसके तिलहन और तेल कीमतों में पर्याप्त सुधार दर्ज हुआ। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह पूरे विश्व में हल्के तेलों की मांग बढ़ी है और इसमें विशेष तौर पर विदेशों से मूंगफली दाना सहित इसके तेलों की त्योहारी मांग बढ़ी है।
मूंगफली का ज्यादातर उत्पादन चीन और भारत में होता है। मूंगफली की निर्यात मांग में भारी उछाल के कारण मूंगफली तेल तिलहनों की कीमतों में जबर्दस्त सुधार आया। ‘नंबर वन क्वॉलिटी के मूंगफली दाने की कीमत पर्याप्त वृद्धि के साथ 70 रुपये किलो हो गई है।
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हल्के तेलों में सबसे सस्ता होने के कारण सोयाबीन की मांग है। उन्होंने कहा कि बीते सप्ताह यूक्रेन में सूरजमुखी फसल कम होने के कारण सोयाबीन की मांग में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मांग में 10 प्रतिशत की और वृद्धि अन्य तेलों में सम्मिश्रण (ब्लेंडिंग) के लिए सोयाबीन डीगम की मांग का बढ़ना है। उत्तर भारत में मौजूदा मौसम की स्थिति की वजह से भी सोयाबीन तेल की मांग में 10 प्रतिशत की और वृद्धि हुई है। इन परिस्थितियों की वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार आया।
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश में सोयाबीन की फसल और इसकी उपज अगस्त के दौरान कम बारिश के कारण प्रभावित हुई है। वहीं महाराष्ट्र में अधिक बारिश के कारण इसकी फसल प्रभावित हुई है, जिससे सोयाबीन किसानों की हालत पतली है और उनके लिए अपनी लागत निकालना मुश्किल हो रहा है।
त्योहारी मांग होने और फसल को पहुंचे नुकसान से समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोयाबीन दाना और लूज की कीमतें 105-105 रुपये सुधरकर क्रमश: 4,300-4,325 रुपये और 4,170-4,200 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं। सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 340 रुपये, 300 रुपये और 220 रुपये सुधरकर क्रमश: 10,500 रुपये, 10,200 रुपये और 9,200 रुपये क्विन्टल पर बंद हुए।