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मेरा गुनाह-मैं अपने 2 करोड़ लोगों की सांसों के लिए लड़ा : केजरीवाल

arvind kejriwal

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दिल्ली में ऑक्सीजन को लेकर हंगामा बरपा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की जितनी जरूरत थी, सरकार ने उसे चार गुणा बढ़ा कर बताया और केंद्र सरकार के सामने अपनी मांग रखी।

इससे देश भर में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर असर पड़ा। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद विपक्ष ने केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मसले पर अपने पक्ष रखा है।

सीएम केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा,’ मेरा गुनाह-मैं अपने 2 करोड़ लोगों की सांसों के लिए लड़ा। जब आप चुनावी रैली कर रहे थे, मैं रात भर जग कर ऑक्सिजन का इंतज़ाम कर रहा था। लोगों को ऑक्सिजन दिलाने के लिए मैं लड़ा, गिड़गिड़ाया। लोगों ने ऑक्सिजन की कमी से अपनों को खोया है। उन्हें झूठा मत कहिए, उन्हें बहुत बुरा लग रहा है।’

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने बढ़ा चढ़ा कर ऑक्सीजन की मांग केंद्र सरकार के सामने रखी। इससे दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई करने में असर पड़ा। ये बात सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखी है। हालांकि ये रिपोर्ट अभी सुप्रीम कोर्ट में जमा नहीं की गई है। इस मामले में अगली सुनवाई 30 जून को होनी है।

जरुरत से चार गुना ज्यादा ऑक्सीजन मांग रही थी दिल्ली सरकार, ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा

सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर एक नेशनल टास्क फोर्स बनाया था। दिल्ली के लिए एक अलग कमेटी बनाई थी जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी और एक्सपर्ट की टीम शामिल थी। इस कमेटी का काम ऑक्सीजन की डिमांड का ऑडिट करना था कि कितना जिस राज्य को ऑक्सीजन की जरूरत है। कमेटी ने बेड कैपेसिटी की आधार पर ये आंकलन किया है कि अप्रैल-मई के दौरान दिल्ली को 289 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत थी, जबकि सरकार ने 1140 मेट्रिक टन की मांग रखी थी।

हालांकि, दिल्ली सरकार की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने उस वक्त केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि दिल्ली को 700 मेट्रिक टन ऑक्सिज रोजाना सप्लाई किया जाए। उस वक्त केंद्र सरकार ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि दिल्ली को इतने ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है, इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन की ऑडिट का आदेश दिया था।

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