नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जी-20 शिखर सम्मेलन के संबोधन में कहा कि हमारा ध्यान महामारी से नागरिकों और अर्थव्यवस्था को बचाने पर है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है। ग्रह को सुरक्षित रखने पर जी20 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से जंग अलग-थलग होकर नहीं, बल्कि एकीकृत व समग्र रूप से लड़ी जानी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि पर्यावरण के लिए हमारी प्रतिबद्धता बनी हुई है। भारत कार्बन का कम से कम उपयोग और जलवायु परिवर्तन के विकास पर जोर दे रहा है जो कि पेरिस समझौते के लक्ष्यों सिर्फ पूरा ही नहीं कर रहा बल्कि उससे आगे बढ़कर काम कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने कम कार्बन और जलवायु अनुकूल विकास प्रक्रियाओं को अपनाया है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने LED लाइट को लोकप्रिय बनाया जिससे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को 38 मिलियन टन प्रति वर्ष तक कम किया गया है। हमने उज्ज्वला योजना के माध्यम से 8 करोड़ से अधिक घरों को धुआं मुक्त रसोई प्रदान की है।
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पीएम मोदी ने कहा कि हम 2022 से पहले 175 गीगाबाइट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे। अब हमने 2030 तक इसे बढ़ाकर 450 गीगाबाइट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस दौर में जलवायु परिवर्तन पर भी विश्व को ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पीएम ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से अलग-अलग होकर नहीं बल्कि एकीकृत, व्यापक और समग्र तरीके से मुकाबला किया जाना चाहिए।
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पीएम मोदी ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर अनउपजाऊ जमीन को फिर से उपयोग में लाना है। हम एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सबसे तेजी से बढ़ते अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक है। पीएम मोदी ने कहा कि हम अरबों डॉलर जुटाने, हजारों हितधारकों को प्रशिक्षित करने और अक्षय ऊर्जा में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में बेहद मददगार साबित होगा।