म्यांमार में 7.7 तीव्रता के भूकंप (Myanmar Earthquake) के बाद भी लगातार कई झटके महसूस किए जा चुके हैं। भूकंप के डर से रात में भी लोग अपने घरों में नहीं बल्कि बाहर ही सोए। दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के निकट रविवार को फिर से 5.1 तीव्रता का भूकंप आया। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने यह जानकारी दी। यह देश में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप के बाद से जारी झटकों की श्रृंखला में ताजा झटका है।
शुक्रवार को शहर के पास 7.7 तीव्रता का भूकंप (Earthquake) आया था जिसके कारण कई इमारतें ढह गई थीं और अन्य बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचा था। भूंकप के कारण अब तक 1,700 से अधिक लोगों की मौत होने और 3,400 से अधिक लोगों के लापता होने की खबर है। यह संख्या बढ़ने की आशंका है।
चीनी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने शनिवार को म्यांमार सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुये कहा कि म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके बंगलादेश, भारत, लाओस, चीन और थाईलैंड में महसूस किए गए। स्थानीय अधिकारियों ने दिन में पहले बताया कि भूकंप से भूमिगत तेल पाइपलाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि बिजली की लाइनें भी कट गई हैं और ईंधन की कमी को कम करने के लिए तेल के टैंकर देश के तटों पर पहुंच रहे हैं।
7.7 तीव्रता के तेज भूकंप से हिला म्यांमार, गगनचुंबी इमारत ढही
भारत, रूस और बेलारूस सहित कई देश राहत प्रयासों में म्यांमार की सहायता कर रहे हैं, जिसमें बचाव दल भेजना भी शामिल है। सैन्य शासन के खिलाफ संघर्ष का नेतृत्व कर रहे नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (एनयूजी) ने भूकंप के बाद राहत कार्यों में सहयोग देने के लिए एकतरफा आंशिक संघर्ष विराम की घोषणा की है। शनिवार रात जारी एक बयान में कहा गया है कि एनयूजी की सशस्त्र शाखा पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) भूकंप प्रभावित इलाकों में रविवार से सैन्य अभियानों में दो सप्ताह का विराम लागू करेगी। बयान में कहा गया है कि वह अपने नियंत्रण वाले इलाकों में सुरक्षा, परिवहन व अस्थायी बचाव एवं चिकित्सा शिविरों की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और गैर-सरकारी संगठनों के साथ सहयोग करेगा।