Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

नगर विकास विभाग ने की पहल, निकाय अधिकारी-कर्मचारियों को देना होगा संपत्तियों का ब्यौरा

Nagar Vikas Vibhag

amrit abhijat

लखनऊ। नगर विकास विभाग (Nagar Vikas Vibhag ) ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस नीति को अपनाते हुए नगर निकाय के कर्मचारियों, अधिकारियों व उनके आश्रितों के नाम की चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज कराने की व्यवस्था को अनिवार्य किया है।

नगर विकास (Nagar Vikas Vibhag) के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात (Amrit Abhijat) ने बताया कि प्रथम नियुक्ति के समय और हर पांच वर्ष की अवधि बीतने पर प्रत्येक सरकारी कर्मचारी व अधिकारी ऐसी सभी अचल संपत्ति की घोषणा करेगा, जिसका वह स्वयं स्वामी हो, जिसे उसने खुद अर्जित किया हो या दान के रूप में पाया हो।

कर्मचारियों को परिवार के सदस्यों के संदर्भ में भी ऐसी ही घोषणा करते हुए इससे संबंधित जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। उन्होंने इस संबंध में निर्देश देते हुए तत्काल भी अधिकारियों व कर्मचारियों को संपत्ति के ब्योरे की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करने का निर्देश दिए हैं।

प्रमुख सचिव ने ट्रांसफर प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाए गए कदमों की जानकारी भी साझा की है। उन्होंने कहा कि विभाग में अब मेरिट बेस्ड आनलाइन ट्रांसफर नीति को भी लागू किया गया है। उक्त प्रक्रिया के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों का केपीआइ (की परफार्मेंस इंडीकेटर) निर्धारित किए जाने का निर्णय लिया गया है।

पूर्वोत्तर राज्य को मिली अपनी पहली वंदे भारत एक्सप्रेस, पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी

हालांकि पशु चिकित्सा सेवा के अपर निदेशक, पशु चिकित्सा एवं कल्याण, स्थानीय निकाय निदेशालय, अपर नगर आयुक्त, पशु चिकित्सा एवं कल्याण, नगर निगम, लखनऊ, मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी, नगर निगम, कानपुर तथा तरूपालन सेवा के अंतर्गत उद्यान अधिकारी, नगर निगम कानपुर के एकल पदों को केपीआइ से मुक्त रखा गया है।

इस संबंध में सभी विभागाध्यक्ष को निर्देश दिए गए है कि वे अधिकारियों व कर्मचारियों का केपीआइ निर्धारित करते हुए सूचना उपलब्ध कराए। केपीआइ के लिए तीन वर्ष की सेवा के आधार पर प्रविष्टियां तय की गईं हैं और उसके आधार पर अंकों का निर्धारण किया गया है।

Exit mobile version