Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

अब मलिन बस्तियों को भी मिलेंगी शहरी सुविधाएं, नगर विकास विभाग तैयार कर रहा ये पॉलिसी

Slum Redevlopment Policy

AK Sharma

लखनऊ। सरकारी जमीन पर बसी मलिन बस्तियों (Slums Colonies) में भी अब सारी शहरी सुविधाएं मिलेंगी। सरकार नई पॉलिसी तैयार करा रही है। इसमें विभिन्न विभागों की उन सरकारी भूमि को निशुल्क लेने का प्रावधान किया जा रहा है, जिस पर मलिन बस्तियां बसी हैं। इसके साथ ही 30 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में मकान बनाने व अवस्थापना विकास से संबंधित प्रावधान भी किए गए हैं। मुख्यमंत्री के सामने जल्द ही प्रस्तावित पॉलिसी का प्रजेंटेशन होगा।

गौरतलब है कि राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) ने करीब दो साल पहले ”स्लम रिडेवलपमेंट पॉलिसी” (Slum Redevlopment Policy)  का ड्रॉफ्ट तैयार किया गया था लेकिन उसमें कई संशोधन किए जाने थे, जो अभी तक नहीं हो पाए हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री की बैठक में इस पॉलिसी की चर्चा हुई तो उन्होंने पॉलिसी (Slum Redevlopment Policy) में कुछ जरूरी संशोधन के साथ इसे जल्द तैयार कर लागू करने का निर्देश दिया था। इसी कड़ी में नगर विकास विभाग के अधिकारी फिर से पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार कर रहे हैं।

प्रस्तावित पॉलिसी के तहत मलिन बस्तियों के विकास के लिए दो तरह के विकल्प रखे गए हैं। एक तो नगर निकायों द्वारा और दूसरा विकास प्राधिकरणों के जरिये भी विकास किया जाएगा। पॉलिसी में मलिन बस्तियों का विकास ”इन-सीटू स्लम रिडवलपमेंट” (आईएसएसआर) के आधार पर किया जाएगा। यानी जो बस्ती जिस भूमि पर बसी है, उसका विकास वहीं पर किया जाएगा। इस पॉलिसी के लागू होने के बाद मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को जहां हवादार मकान मिल सकेंगे। साथ ही सड़क, सीवर, शुद्ध पेयजल, बिजली, स्ट्रीट लाइट जैसी शहरी सुविधाएं भी मुहैया हो सकेंगी।

आजीविका व प्रशिक्षण केंद्र का भी प्रावधान

पॉलिसी (Slum Redevlopment Policy) का ड्रॉफ्ट सभी स्टेकहोल्डर आवास बंधु, आरसीयूइएस, डेवलपर्स, विकास प्राधिकरणों, उप्र आवास विकास परिषद, नगर नियोजन आदि से सुझाव लेकर तैयार किया जा रहा है। इसमें मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए आजीविका केंद्र, प्रशिक्षण केंद्र, पार्क आदि बनाने का भी प्रावधान किया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक ड्रॉफ्ट तैयार होने के बाद मुख्यमंत्री के सामने इसका प्रजेंटेशन किया जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाएगी।

Exit mobile version