आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य वक्फ बोर्ड (Wakf Board) को समाप्त कर दिया है। सरकार के इस कदम के बाद, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने एक अधिसूचना जारी की। इसमें हाई कोर्ट द्वारा चेयरमैन के चुनाव पर रोक लगाए जाने की जानकारी दी गई है। इस वक्फ का गठन पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की सरकार में किया गया था। वहीं इस फैसले के बाद, वाईएसआरसीपी और टीडीपी जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों के कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
देश में इन दिनों वक्फ बिल पर देशभर में काफी बहस हो रही है। इस बीच जानकारी है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने वक्फ बोर्ड (Wakf Board) को ही बर्खास्त कर दिया है। शनिवार को वक्फ बोर्ड ने इसे रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है। सरकार ने कहा है कि राज्य में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए गए हैं। हालांकि, वक्फ बोर्ड ने यह पाते हुए बिल रद्द कर दिया कि संपत्ति का दुरुपयोग हुआ है।
वाईएसआरसीपी नेता अमजद बाशा ने यह भी कहा कि, जब मामला कोर्ट में लंबित है, तो किसी भी तरह की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? बाशा ने गठबंधन सरकार के इस कदम को बदले की भावना से भरा हुआ बताया और कहा कि हमने 2023 में वक्फ बोर्ड (Wakf Board) को रद्द नहीं किया था, बल्कि सदस्य खुद ही छोड़कर चले गए थे, लेकिन गठबंधन सरकार ने इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया।
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बाशा ने सरकार के कदम के खिलाफ कानूनी उपाय करने की बात भी की। उनका कहना था कि अल्पसंख्यक समुदाय केंद्र द्वारा प्रस्तुत वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के खिलाफ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियों का नियंत्रण अपने हाथ में लेना चाहती है, जो अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन है।