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गगनयान मिशन में जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के नामों का हुआ खुलासा, पीएम मोदी ने किया सम्मानित

Gaganyaan Mission

Gaganyaan Mission

तिरुवनंतपुरम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन (Gaganyaan Mission) पर जाने वाले चारों भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को एस्ट्रोनॉट विंग्स पहनाए। अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों में ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं।

ये चारों देश के हर तरह के फाइटर जेट्स उड़ा चुके हैं। हर तरह के फाइटर जेट्स की कमी और खासियत जानते हैं। इसलिए इन चारों को गगनयान एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग के लिए चुना गया है। इनकी रूस में ट्रेनिंग हो चुकी है। फिलहाल बेंगलुरु में एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में ट्रेनिंग चल रही है।

गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) क्या है?

गगनयान (Gaganyaan Mission) देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस मिशन को अगले साल के आखिर या 2025 की शुरुआत तक भेजा जा सकता है। 2024 में मानव रहित परीक्षण उड़ान अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य है, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा। गगनयान मिशन का उद्देश्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है।

रूसी मिशन सोयुज एमएस-10 मिशन को 11 अक्तूबर 2018 को लॉन्च किया गया था। इस मिशन में रूसी एजेंसी रोस्कोस्मोस ने अपने सदस्य अलेक्सेय ओवचिनीन और नासा ने अपने सदस्य निक हेग को भेजा था। टेक-ऑफ के बाद मिशन कंट्रोल ने घोषणा की कि एक बूस्टर फेल हो गया।

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35 वर्षों में पहली बार हुआ जब कोई रूसी बूस्टर असफल हुआ लेकिन क्रू लॉन्च एस्केप सिस्टम की वजह से क्रू बचने में सफल रहे। लॉन्चिंग के बाद क्रू कैप्सूल को लॉन्च व्हीकल से अलग कर लिया गया था। यही वजह है कि इसरो ने रूस के अनुभव से सीख ली है कि मानव मिशन में क्रू की सुरक्षा सर्वोपरी होनी चाहिए।

गगनयान (Gaganyaan) के सफल होते ही खास सूची में शामिल हो जाएगा भारत

गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) सफल होता है, तो भारत उन देशों की एक खास सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने खुद चालक दल अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है। वर्तमान में ऐसा मुकाम हासिल करने वाले देश केवल अमेरिका, रूस और चीन ही हैं। कैप्टन राकेश शर्मा अंतरिक्ष मे जाने वाले भारत के पहले व्यक्ति हैं।

1984 में इसरो और रूस के इंटरकस्मिक कार्यक्रम के एक संयुक्त अंतरिक्ष अभियान के अंतर्गत राकेश शर्मा आठ दिन तक अंतरिक्ष में रहे। राकेश उस समय भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर और विमान चालक थे। वहीं कल्पना चावला अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के जरिए अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं। उनके अलावा सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष जाने वाली दूसरी भारतवंशी महिला हैं।

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