प्रयागराज। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी (Nandi) ने बुधवार को अपने सरकारी आवास 6 कालीदास मार्ग पर उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPCIDA) द्वारा भूखंडों के उपविभाजन के लिए तैयार की जा रही नई नीति की समीक्षा की। जिसमें उन्होंने लैंड बैंक बढ़ाने के साथ ही नई नीति के सरलीकरण के निर्देश अधिकारियों को दिए। समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी के साथ ही अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
प्रदेश में वर्षों से बंद पड़ी कई इकाईयां हैं, जो न तो चालू हो पा रही हैं और न ही अपने जमीन को डिस्पोज कर पा रही हैं। लैंड बैंक बढ़ाने के लिए और उद्यमियों की खाली पड़ी जमीनों को टुकड़े-टुकड़े करके अन्य उद्योगों को उपलब्ध कराई जा सके, इसके लिए भूखंडों के उपविभाजन की नई नीति तैयार की गई है, जिसे पहले भी बनाया गया था, लेकिन अब और सरलीकरण बेहतर किया जा रहा है। ताकि भूखंड का इस्तेमाल हो सके और उद्योगों की संख्या बढ़ सके।
समीक्षा बैठक में औद्योगिक क्षेत्रों में खाली पड़े लैंड बैंक का इस्तेमाल करने, लैंड बैंक के साथ ही उद्योगों की संख्या बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPCIDA) द्वारा तैयार की गई भूखंडों के उपविभाजन की नई नीति पर चर्चा हुई। जिसे आम जनता की आपत्ति और सुझाव के बाद तैयार किया गया है। मंत्री नन्दी ने उद्योगीकरण के सरलीकरण के लिए तैयार की जा रही पॉलिसी का परीक्षण किया।
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नन्दी ने भूखंडों के उपविभाजन के लिए तैयार की गई नई नीति पर चर्चा करके उसे और बेहतर बना कर उद्यमियों के लिए उपलब्ध कराए जाने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ग्राउंड बेकिंग सेरेमनी का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री द्वारा तीन जून को किया जा रहा है। वहीं लगातार प्रदेश में नीतियों के सरलीकरण करने से निवेशक आ रहे हैं। भूखंडों के उपविभाजन की नई नीति लाने से एक वृहद लैंड बैंक तैयार होगा। उस लैंड बैंक से ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में जो इनवेस्टर्स आ रहे हैं, उनके लिए हम जमीनें उपलब्ध करा सकेंगे।
अधिकारियों की मौजूदगी में मंत्री नन्दी ने भूखंडों के उपविभाजन के लिए तैयार की गई नई नीति पर उद्यमियों व आम जनता की ओर से आए आपत्ति व सुझावों का भी परीक्षण किया। जिस पर वृहद चर्चा हुई। नई नीति में क्या-क्या संशोधन किया जा रहा है इस पर चर्चा की। बंद पड़े उद्योगों को दुबारा चालू कराने एवं उद्योगों का सरलीकरण करने के लिए लाई जा रही नई पॉलिसी का परीक्षण किया गया। वहीं लोगों से प्राप्त किए गए सुझाव एवं आपत्ति पर भी चर्चा हुई। जितने भी इंडस्ट्री हैं, बड़े इंडस्ट्रियल प्लॉट खाली पड़े हैं, उसे किस तरह से चालू किया जाए इस पर भी चर्चा हुई।