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नरक चतुर्दशी के दिन इस दिशा में जलाएं यम दीप, मिलेगा लंबी आयु का वरदान

Narak Chaturdashi

Narak Chaturdashi

हिन्दू धर्म में नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) को बेहद खास माना जाता है। इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन लोग प्रदोष काल के दौरान चार मुखी दीया जलाने की परंपरा हैं जो यम देव को समर्पित होता है। इस दिन लोग भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और यम देव, जिन्हें मृत्यु का देवता माना जाता है उनकी पूजा की जाती है। यह महत्वपूर्ण अवधि में यम का दीपक जलाने का भी विधान है, जो नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) की शाम को किया जाता है

छोटी दीवाली के दिन शाम के समय प्रदोष काल में गेहूं के आटे से एक दीपक बनाएं, फिर चार बत्ती तैयार करें और उसे दीपक में रखें और उसमें सरसों का तेल डालें। इसके बाद दीपक के चारों ओर गंगाजल छिड़कें। इसके पश्चात घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में उसे रख दें। दीपक के नीचे कोई अनाज जरूर रखें। कुछ लोग यम का दीपक नाली के पास या अन्य किसी स्थानों पर रखते हैं। दीपक जलाने के बाद पूरे समर्पण, विश्वास और भाव के साथ भगवान से प्रार्थना करें और अपने परिवार की खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगें।

पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर दिन बुधवार को 1 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी। वहीं चतुर्दशी तिथि का समापन 31 अक्टूबर दिन गुरुवार को 3 बजकर 52 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। नरक चतुर्दशी के दिन सूर्यास्त के बाद यम दीपक जलाया जाता है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 5 बजकर 36 मिनट से लेकर 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगा।

इन बातों का रखें खास ध्यान

पुराणों के अनुसार, हिन्दू धर्म में दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है। इस दिशा में यम दीप जलाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। यह माना जाता है कि यम दीप जलाने से पितरों को मुक्ति मिलती है। यम दीप को शाम के समय जलाना चाहिए और यम दीप में शुद्ध घी का ही प्रयोग करें। यम दीप में बत्ती अच्छी तरह से रुई की होनी चाहिए और दीपक साफ और सुंदर होना चाहिए। यम दीप जलाते समय यमराज का मंत्र का जाप करें। कुछ लोग यम दीप को घर के बाहर भी जलाते हैं। यम दीप जलाते समय मन में शुद्ध भाव रखें। इससे जीवन में परेशानियां नहीं आती हैं।

इस दिशा में जलाएं यम का दीपक

नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) के दिन यम दीप जलाना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। यह माना जाता है कि यम दीप जलाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-शांति रहती है, लेकिन यम दीप को किस दिशा में जलाना चाहिए, इस बारे में कई लोगों के मन में संशय रहता है। आमतौर पर यम दीप को दक्षिण दिशा में जलाने की परंपरा है। दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है। इसलिए यम दीप को दक्षिण दिशा में जलाकर यमराज को प्रसन्न किया जाता है।

यम दीपक का धार्मिक महत्व

भगवान यम इस शुभ दिन पर पूजे जाने वाले देवताओं में से एक हैं। इस दिन प्रदोष काल के दौरान लोग चार मुखी दीया जलाते हैं और वह दक्षिण दिशा की ओर रखते हैं, जो यम देव को समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग यह चार मुखी दीया जलाते हैं, उन्हें मृत्यु के भय से राहत मिलती है और लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है। क्योंकि भगवान यम उनकी रक्षा करते हैं और उन्हें लंबे जीवन और कल्याण का आशीर्वाद देते हैं।

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