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कब है नरक चतुर्दशी, जानिए यम पूजन विधि

Narak Chaturdashi

Narak Chaturdashi

दिवाली महापर्व के दूसरे दिन नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi ) और छोटी दिवाली मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर तेल या उबटन लगाकर मालिश करने के बाद स्नान करना चाहिए और विधि-विधान यमराज की पूजा करके शाम को दीपदान करना चाहिए। पहली मान्यता यह है कि भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर को इसी दिन मारकर मुक्ति दिलाई थी। इसी खुशी में उत्सव मनाया जाता है। इसी कारण इसे छोटी दिवाली कहते हैं।

दूसरी मान्यता यह है कि राजा बलि को भगवान विष्णु ने प्रतिवर्ष इन तीन दिनों का राजा बनाने की व्यवस्था की है। बलि के राज्य में दीपमालाओं का आयोजन करने से स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। छोटी दिवाली की शाम को घर के बाहर मृत्यु के देवता यमराज को दक्षिण दिशा में दीप दान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। कहते हैं कि नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान कृष्ण की पूजा करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है।

मुहूर्त-

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 30, 2024 को 01:15 पी एम बजे

चतुर्दशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 31, 2024 को 03:52 पी एम बजे

अभ्यंग स्नान मुहूर्त – 05:20 ए एम से 06:32 ए एम

अवधि – 01 घण्टा 13 मिनट्स

नरक चतुर्दशी के दिन चन्द्रोदय का समय – 05:20 ए एम

नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi ) के दिन ऐसे करें दीपदान-

1. नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi ) के दिन घर के सबसे बड़े सदस्‍य को यम के नाम का एक बड़ा दीया जलाना चाहिए।

2. इस दीये को पूरे घर में घुमाएं।

3. अब घर से बाहर जाकर दूर इस दीये को रख आएं।

4. घर के दूसरे सदस्‍य घर के अंदर ही रहें और उन्हें यह दीपक नहीं देखना चाहिए।

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