भगवान विष्णु के उग्र और अद्भुत अवतार, भगवान नरसिंह की जयंती इस साल श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाई जाती है।यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, जब भगवान नरसिंह ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए राक्षस हिरण्यकश्यप का वध किया था। इस दिन व्रत, पूजा और विशेष नियमों का पालन कर भक्त भगवान नरसिंह की कृपा पाने की कोशिश करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नरसिंह जयंती (Narasimha Jayanti) पर कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। ऐसा माना जाता है कि इन नियमों का उल्लंघन करने से भगवान नरसिंह नाराज हो सकते हैं और व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं।
नरसिंह जयंती (Narasimha Jayanti) कब है?
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 10 मई को शाम 5 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 11 मई को रात 9 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल नरसिंह जयंती (Narasimha Jayanti) 11 मई को मनाई जाएगी।
नरसिंह जयंती (Narasimha Jayanti) के दिन इन कामों को करने से बचना चाहिए?
क्रोध और नकारात्मक विचार
इस पवित्र दिन मन को शांत और सकारात्मक रखना चाहिए। क्रोध करना या किसी के प्रति बुरे विचार लाना अशुभ माना जाता है। भगवान नरसिंह उग्र स्वभाव के जरूर हैं, लेकिन वे शांति और भक्ति को पसंद करते हैं।
मांसाहार और तामसिक भोजन
नरसिंह जयंती (Narasimha Jayanti) के दिन पूर्ण रूप से सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। यह दिन भगवान को समर्पित है और पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है।
किसी का अपमान
इस दिन किसी भी व्यक्ति, विशेषकर बड़े-बुजुर्गों या कमजोरों का अपमान नहीं करना चाहिए। भगवान नरसिंह सभी प्राणियों में व्याप्त हैं और किसी का भी अनादर करने से उनका क्रोध भड़क सकता है।
काले या नीले रंग के वस्त्र
नरसिंह जयंती पर काले या नीले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए। इस दिन पीले, लाल या केसरिया रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। यह रंग सकारात्मक ऊर्जा और शुभता का प्रतीक हैं।
शारीरिक संबंध
ब्रह्मचर्य का पालन करना इस दिन महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए, नरसिंह जयंती के दिन शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए।
घर में अंधेरा
नरसिंह जयंती की शाम को घर में अंधेरा नहीं रखना चाहिए। मान्यता है कि इस समय भगवान नरसिंह का आगमन होता है, इसलिए घर को रोशनी से जगमगाना चाहिए।
झूठ बोलना या छल करना
इस पवित्र दिन झूठ बोलना या किसी के साथ छल कपट करना घोर पाप माना जाता है। सत्यनिष्ठा और ईमानदारी का पालन करना चाहिए।
नरसिंह जयंती (Narasimha Jayanti) का महत्व
यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय और भगवान विष्णु के अपने भक्तों की रक्षा करने की शक्ति का प्रतीक है। नरसिंह भगवान का अवतार भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने और अत्याचारी असुर राजा हिरण्यकशिपु का वध करने के लिए हुआ था। इसलिए नरसिंह जयंती केवल पूजा का नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि का भी पर्व है। यदि भक्त इन वर्जित कार्यों से बचते हैं और पूरे श्रद्धा से पूजा करते हैं, तो भगवान नरसिंह की विशेष कृपा उन पर बनी रहती है।