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भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि (मूल) पर भव्य मन्दिर निर्माण के लिए हुआ नारायाणी सेना का गठन

भारतवर्ष के उत्तर प्रदेश में जिला मथुरा में स्थित भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि सदियों से इस्लामिक कट्टर पंथियों के निशाने पर रही है, सन् 1018 में महमूद गजनवी से लेकर 16वीं सदी में सिकंदर लोदी व औरंगजेब के शासन में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को ध्वस्थ कर उसी स्थान पर मस्जिद का निर्माण करा दिया गया था।

सन् 1669 ई में भी मन्दिर स्थल को नष्ट कर दिया गया और उस समय से यह स्थान अत्यन्त उपेक्षित एवं खंडहर के रूप में हमारी निर्बलता और उपेक्षा का प्रतीक बना रहा। उक्त जन्मस्थल को सन् 1815 को ब्रिटिश साम्राज्य में ईस्ट इण्डिया कंपनी ने कटरा केशव देव को नीलाम कर दिया, जिसे बनारस के राजा पटनीमल ने खरीद कर पुनः मन्दिर निर्माण करा दिया था इसके बाद मालवीय जी की अन्तिम अभिलाषा के अनुसार धर्म परायण सेठ जुगलकिशोर (विरला) जी ने 21 फरवरी 1951 को पुनः जीर्णोद्धार कराया किन्तु गर्भ ग्रह पर आज भी अतिक्रमण है जो कि सनातनी व हिन्दू जनमानस के साथ अन्याय है श्री राम जन्म भूमि मुक्त होने के बाद सदियों से अपने आराध्य भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर के निर्माण का सपना देख रहे हिन्दू समाज को अब अपने आराध्य भगवान श्रीकृष्ण की मुक्त कराने के लिए आगे बढ़ना होगा।

इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए कार्य कर रहे संगठन नारायणी सेना उ0प्र0, हिन्दूआर्मी (संथापक मनीष यादव)व कई धार्मिक संगठनों के अपने संगठनो को समाहीत कर भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो इस लिये नारायणी सेना का गठन किया गया है जिसका केन्द्रीय कार्यालय- श्री संकट मोचन हनुमान जी मन्दिर कटैयापुर, रामबाग चौराहा, इटावा व प्रदेश कार्यालय गुडौरा, सरोजनी नगर, लखनऊ जन्मभूमि को होगा।

आप सभी मीडिया बन्धुओं को अवगत कराना है कि भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि जन्मस्थल की भूमि कुल 13.37 एकड़ भूमि है जो कि ठाकुर केशव देव जी महाराज विराजमान मन्दिर कटरा केशव देव के नाम सरकारी अभिलेखों में दर्ज है और जिसका स्वामित्व प्राप्त है। परन्तु उक्त जमीन के 2.37 एकड़ में अवैध अतिक्रमण है जो कि अवैध है श्रीकृष्ण जन्मभूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने के उद्देश्य से मथुरा न्यायालय के सिविल जज सीनियर डिवीजन मु0सं0 152/20 भगवान श्री कृष्ण विराजमान जरिये मनीष यादव बनाम सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड व अन्य दाखिल किया गया जो कि न्यायालय में विचाराधीन है। जिसकी अग्रिम तारीख 9 जुलाई है। जिसको अब नारायणी सेना के द्वारा नामित व्यक्ति व वकीलों की निगरानी में लड़ा जायेगा।

नारायणी सेना भारत वर्ष से सभी हिन्दू विचार धारा के जनमानस के साथ मिलकर संतों के सानिध्य में कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए जन आन्दोलन के माध्यम से अग्रसर किया जाएगा, नारायणी सेना कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन दो स्तरों पर चलायेगी , जिसमें एक संत समाज के सहयोग व सानिध्य में पूरे देश से लोगों को जागरूक कर के अभियान में जोड़ने का कार्य किया जाएगा।

वही इतिहासकारों, पुरातत्व विभाग शास्त्रों आदि के साक्षों को संकलन करके उपासना स्थल अधिनियम 1991 विशेष प्रावधान का धारा 5 दी गई व्यावस्था के तहत न्यायालय के माध्यम से लड़ाई को पुरजोर तरीके से लड़ेगी, जिसका मुख्य उदेश्य श्री कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने के साथ-साथ प्राचीन धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार व सनातन पूजा पद्धिति को प्रारम्भ करायेगी और गाय माता को राष्ट्र माता घोषित कराने और गौवध पर फांसी की सजा के लिए कानून बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाये जाने का कार्य भी करेगी।

आप सभी मीडिया कर्मियों के मध्य आज नारायणी सेना की राष्ट्रीय कमेटी, प्रतीक एंव ध्वज की घोषणा एवं विमोचन कर रहे है। जिससे पूरे भारतवर्ष में प्रतिवर्ष जन्माष्टिमी को सम्पन्न किया जायेगा और वही स्थापना दिवस भी माना जायेगा।

आप सभी मीडिया कर्मियों का धन्यवाद ।

नारायणी सेना के गठन पर राष्ट्रीय कार्यकारणी निम्नवत है:

1.मनीष यादव “पतरे” अध्यक्ष,इटावा

2.आदेश कुमार यादव,

उपाध्यक्ष ,लखनऊ

3.हेमेन्द्र सिंह चन्देल उपाध्यक्ष | मैनपुरी

4.मनीष यादव,महासचिव लखनऊ

5.अमित मिश्रा कोषाध्यक्ष हरदोई

6) सुरजीत सिंह ,प्रवक्ता ,हाथरस

7.आचार्य रामजी द्विवेदी ,प्रवक्ता ,मथुरा

8.आशुतोष शुक्ला, प्रवक्ता उन्नाव

9.प्रशांत राव ,सचिव ,जयपुर

10.रवि सिंह ,सचिव ,पीलीभीत

11.महंत टीकम सिंह, सचिव, नोयडा

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