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नरेंद्र मोदी ने भारतीय रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने पर दिया जोर

Narendra Modi

नरेंद्र मोदी ने भारतीय रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने पर दिया जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आत्मनिर्भर भारत रक्षा उद्योग पर एक वेबिनार को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। पीएम ने कहा, ‘आज यहां हो रहे इस मंथन से जो परिणाम मिलेंगे उससे रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के हमारे प्रयासों को अवश्य बल और गति मिलेगी।’

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पीएम ने कहा, ‘मुझे इस बात की खुशी है कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस कार्य के लिए पूरी तरह से मिशन मोड पर जुटे हुए हैं। उनके इन अथक प्रयासों के कारण अच्छे परिणाम मिलना निश्चित है।’ उन्होंने कहा, ‘कई सालों से भारत सबसे बड़े रक्षा आयातकों में से एक रहा है। जब भारत को आजादी मिली, तो उसकी रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में अधिक क्षमता थी लेकिन दुर्भाग्य से, इस विषय पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जा सका।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य है नई तकनीक का भारत में ही विकास हो। प्राइवेट सेक्टर का इस विशेष क्षेत्र में अधिक विस्तार हो। इसके लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया में सुधार, लेवल प्लेइंग फील्ड की तैयारी, एक्सपोर्ट प्रक्रिया का सरलीकरण, ऑब्सेट के प्रावधानों में सुधार जैसे अनेक कदम उठाए गए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अब पहली बार रक्षा क्षेत्र में 74 प्रतिशत तक एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) ऑटोमैटिक रूट से आने का रास्ता खोला जा रहा है। ये नए भारत के आत्मविश्वास का परिणाम है।’

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प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत लंबे अरसे से रक्षा उत्पादों का सबसे बड़ा आयातक बना हुआ था। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि आजादी के बाद से ही देश को विरासत में मिली परिस्थिति के बावजूद घरेलू उत्पादन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। दृढ़तापूर्वक कहा कि उनकी सरकार में इसको लेकर नई सोच उभरी है और घरेलू उत्पादन को मजबूत करने पर काम हो रहा है। साथ ही निजी क्षेत्र की अधिकतम भागीदारी के साथ नई तकनीक विकसित करने पर काम किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में डिफेंस कॉरिडोर बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इस काम के लिए अगले पांच सालों में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। हमारी सरकार ने हमेशा लालफीताशाही समाप्त करने के लिए काम किया है और निजी क्षेत्रों के लिए लाल कालीन बिछाई है।

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वहीं, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों के लिए इससे बड़ी संतुष्टि क्या होगी कि वह स्वदेशी हथियारों और उपकरणों से युद्ध लड़े और उसमें विजेता बन कर निकले। उन्होंने कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाएं घरेलू रक्षा उद्योग को अगली पीढ़ी के सैन्य उपकरण निर्माता बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रावत ने कहा कि जैसे-जैसे सुरक्षा की चुनौतियां बढ़ रही हैं, भारत उसी तरह आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल आयातित उपकरणों को लेकर कोई पूर्वाग्रह नहीं है। उद्योगपतियों से कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि समय बद्ध रक्षा खरीद प्रक्रिया नए बने रक्षा मामलों के विभाग का प्रमुख उद्देश्य है। भारत आज कई सारी चुनौतियों और खतरे के दौर से गुजर रहा है। हमारे सामूहिक प्रयास के कारण ही हमने कोरोना महामारी जैसे संकट से उबरने की क्षमता पायी है।

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