नोबेल कमेटी (Noble Award) ने नर्गिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा है। उन्हें यह पुरस्कार ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई और सभी के लिए मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की उनकी लड़ाई के लिए दिया गया है।
नर्गिस मोहम्मदी एक ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर (डीएचआरसी) की उपाध्यक्ष हैं।
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वह ईरान में डेथ पेनल्टी को खत्म करने और कैदियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक प्रमुख वकील रही हैं। मोहम्मदी को अपने मानवाधिकार कार्यों के कारण कई बार जेल भी जाना पड़ा है।