बेंगलुरू। पिछले साल अंतरिक्ष में भेजे गए चंद्रयान-2 मिशन पर रोवर (प्रज्ञान) को लेकर रवाना हुए विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग के प्रयास विफल रहने निराश वैज्ञानिकों के मन से नासा की नई तस्वीरों ने जोश भर दिया है। चन्द्रयान-2 मिशन के 10 महीने बाद आई नासा की ताजा तस्वीरों ने इसरो की उम्मीद फिर से जगा दी है।
बता नासा दें कि बीते साल नासा की तस्वीरों का इस्तेमाल कर विक्रम के मलबे की पहचान करने वाले चेन्नई के वैज्ञानिक शनमुग सुब्रमण्यन ने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी को ईमेल भेजकर दावा किया है कि मई में नासा ने जो नई तस्वीरों भेजी हैं उसे देख कर प्रज्ञान के कुछ मीटर आगे बढ़ने के संकेत मिले हैं।
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इसरो प्रमुख के. सिवन ने भी इसकी पुष्टि की है। सिवन कहते हैं कि हालांकि हमें इस बारे में नासा से अभी कोई जानकारी नहीं मिली है लेकिन जिस वैज्ञानिक ने विक्रम के मलबे की पहचान की थी।
उसने इस बारे में हमें ईमेल भेजा है। सीवन कहते हैं हमारे विशेषज्ञ इस मामले को देख रहे हैं। अभी हम इस बारे में कुछ भी नहीं कह सकते।
शनमुगा ने बताया है कि 4 जनवरी को नासा द्वारा भेजी गई तस्वीर देख कर लगता है कि प्रज्ञान अखंड बचा हुआ है और यह लैंडर से कुछ मीटर आगे भी बढ़ा है। उन्होंने कहा हमें यह जानने की आवश्यकता है कि रोवर कैसे सक्रिय हुआ और उम्मीद करता हूं कि इसरो इसकी पुष्टि जल्दी करेगा।