लाइफस्टाइल डेस्क। 15 अगस्त का दिन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन देश में धूम- धाम से स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली थी। 15 अगस्त के दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले में ध्वजारोहण करते हैं। राष्ट्रीय ध्वज भारत का मान सम्मान और गौरव है। हर भारतीय नागरिक को राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना चाहिए। बहुत से अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है। आज हम आपको बताएंगे किन अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है…
इन व्यक्तियों के निधन पर समस्त देश में राष्ट्रीय झंडे को आधा झुका दिया जाता है…
- राष्ट्रपति
- उप- राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
दिल्ली में इन लोगों के निधन पर आधा झुका दिया जाता है तिरंगा
- लोकसभा अध्यक्ष
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- केंद्र के राज्यमंत्री और उपमंत्री
केंद्रीय केंबिनेट मंत्री के निधन पर दिल्ली और सभी राज्यों की राजधानियों में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है।
- इन लोगों की मृत्यु पर संबंधित राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है…
- राज्यपाल
- उपराज्यपाल
- मुख्यमंत्री
राज्य के केबेनिट मंत्री के निधन पर संबंधित राज्य की राजधानी में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है।
अगर किसी गणमान्य व्यक्ति के निधन की सूचना अपराह्न में प्राप्त होती है तो व्यक्ति से संबंधित स्थानों में अगले दिन भी राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है। बशर्ते कि उस दिन सूर्योदय से पहले अंत्येष्टि न हुई हो। इसके साथ ही जहां पर अंत्येष्टि की जानी है वहां पर भी अंत्येष्टि के दिन राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है।
राजकीय शोक में शोकावधि के दौरान पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। वहीं राष्ट्रीय शोक में शोकावधि के दौरान पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
भारत के राष्ट्रीय पर्व के दौरान अगर किसी गणमान्य व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो सिर्फ उसी स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया जाएगा जहां पर पार्थिव शरीर को रखा जाएगा। पार्थिक शरीर को उस स्थान से उठाए जाने के बाद उस भवन पर झंडा फिर से फहरा दिया जाएगा।
झंडे को आधा झुकाते समय पहले एक बार पूरी ऊंचाई तक फहराया जाता है। आपको बता दें शाम को झंडा उतारने से पहले एक बार झंडे को पूरी ऊंचाई तक उठाया जाता है।