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नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा,  परीक्षा केंद्र विदेशों में होना संभव नहीं

National Testing Agency

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency)

NTA  (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी पेपर बुक फॉर्मेट में होती है, ऐसे में इसके परीक्षा केंद्र विदेशों में होना संभव नहीं हैं। 11 अगस्त को दाखिल हलफनामे में एनटीए ने कहा है कि एकरूपता बनाए रखने के लिए नीट परीक्षा एक ही दिन, एक की समय, एक ही शिफ्ट में आयोजित होती है इसलिए विदेशों में इसके परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाना मुमकिन नहीं है।

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हलफनामे में एनटीए ने कहा, ‘फिर इसके अलावा प्रश्न पत्र और परीक्षा सामग्री एनटीए मुख्यालय से देश के विभिन्न शहरों में स्थित परीक्षा केंद्रों तक पूरी सुरक्षा व सावधानी के साथ और समय पर पहुंचानी होती है।

एनटीए ने स्टूडेंट्स की विदेशों में परीक्षा केंद्र बनाने की मांग को लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) से भी चर्चा की थी। हालांकि एमसीआई ने साफ कर दिया है कि चूंकि परीक्षा पेपर बुक फॉर्मेट में मल्टीपल च्वॉइस क्वेश्चन के जरिए होती है और इसमें एकरूपता बनाए रखना जरूरी है, ऐसे में विदेशों में रह रहे स्टूडेंट्स के लिए यह परीक्षा ऑनलाइन मोड से आयोजित नहीं की जा सकती।

एनटीए ने कहा कि नीट परीक्षा में जेईई मेन परीक्षा से ज्यादा सावधानी बरतनी होती है। जेईई मेन में तो प्रश्न पत्र ऑनलाइन पासवर्ड से सुरक्षित होता है।

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एनटीए का हलफनामा उस याचिका के जवाब में आया है जिसमें परीक्षा एजेंसी को खाड़ी देशों में नीट परीक्षा का केंद्र बनाने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

लगभग 4,000 नीट उम्मीदवारों के माता-पिता द्वारा दायर याचिका में कोविड-19 महामारी के खत्म होने तक वैकल्पिक रूप से परीक्षा को स्थगित करने की मांग की है।

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