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अंतिम शासक के बेटे की संपत्ति बचाने के लिए नवेद मियां ने ली कोर्ट की शरण

रामपुर(मुजाहिद खाँ)। अंतिम शासक नवाब रजा अली खां के बेटे नवाबजादा सैयद आबिद अली खां की सम्पत्ति बचाने के लिए पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने न्यायालय की शरण ली है।उन्होंने सिविल जज (सी.डी.) के न्यायालय में 19 लोगों के खिलाफ परिवाद दायर कर विवादित जमीन पर अवैध कब्जा और निर्माण कार्य रोकने की मांग की है।

नूर महल में आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने कहा कि ग्राम ताशका में स्थित आराजी गाटा संख्या 255 रकबा 12.8860 हेक्टेअर उनके चाचा मरहूम नवाबजादा सैयद आबिद अली खां उर्फ सलीम मियां की है। उनके वारिस विदेश में रहते हैं। इसलिए इस जमीन के मैनेजमेंट के लिए उन्हें मुखतारे खास नियुक्त किया गया है।

बताया कि सिविल जज (सी.डी.) के न्यायालय में दायर परिवाद में कहा गया है कि विवादित आराजी से इन लोगों ने बिना विधिक प्रक्रिया अपनाये हुए आम के हरे पेड़ काटे हैं। 300 सौ बीघा आराजी को हड़पने की नियत से बिना किसी मालिकाना हक के विभिन्न विक्रय पत्रों से विवादित आराजी को नुमाइशी रूप से आपस में ट्रांसफर कर लिया है और यह सिलसिला जारी है।इन लोगों ने सक्षम न्यायालय के आदेश के बगैर ही इस आराजी को राजस्व अभिलेखों में भूमिधरी भूमि के रूप में परिवर्तित कर लिया है।

नवेद मियां ने मेवा सिंह, नारायण सिंह, जसवीर सिंह, परविंदर कौर, जुगराज सिंह, साहब सिंह, भगवान सिंह, शादाब आलम, शहाब आलम, शाह नदीम, मोहम्मद दानिश अख्तर, आरिफा मुराद, नदीमा रहमान, अज़हर मियां, आसमा, मोहम्मद नासिर, बाबर खां, जकी खां और हुरमत खां के विरुद्ध यह वाद दायर किया है।

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नवेद मियां ने न्यायालय से मांग की है कि स्थायी निषेधाज्ञा की डिक्री इस आश्य से पारित की जाए कि यह लोग विवादित आराजी पर अवैध रूप से कब्जा या कोई निर्माण नहीं कर सकें।

खतौनी में दर्ज नाम खारिज कराने के लिए भी कोर्ट जाएंगे नवेद मियां

पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अभी उन्होंने स्टे के लिए सिविल जज (सी.डी.) के न्यायालय की शरण ली है, लेकिन खतौनी में दर्ज नाम खारिज कराने के लिए भी कोर्ट जाएंगे। कहा कि ग्राम ताशका में स्थित आराजी गाटा संख्या 255 रकबा 12.8860 हेक्टेअर की खतौनी में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नाम दर्ज हुए हैं, जो खारिज होंगे।

वहीं लखीमपुर खीरी की घटना में किसानों की मौत पर अफसोस जताते हुए नवेद मियां ने कहा जिस तरह से किसानों की जान ली गई क़ानून तोड़ने वाली बात की गई जोकि ग़लत है किसानो की हत्या की गई उसकी निन्दा करते हैं। कहा अपने विचार व्यक्त करने का हमारा संवैधानिक अधिकार है जितने भी अलग-अलग नेताओं ने इस घटना के खिलाफ निंदा की है वह बिल्कुल सही है क्योंकि जिन लोगों की जानें गई उनके परिवारों के साथ जुल्म तो हुआ ही है। प्रियंका गांधी और उनके साथ मौजूद राज्यसभा सांसद के साथ पुलिस प्रशासन का दुर्व्यवहार करना बिल्कुल गलत है खासकर प्रियंका गांधी को रोके जाना और उनके साथ दुर्व्यवहार की घटना दुखद है।

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