नवरात्रि का 6वां दिन मां कात्यायनी (Maa Katyayani) को समर्पित होता है। मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा अर्चना करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली आती है। देवी को कात्यायन ऋषि की पुत्री होने के कारण कात्यायनी नाम से जाना जाता है। देवी को कात्यायन ऋषि की पुत्री होने के कारण कात्यायनी (Maa Katyayani) नाम से जाना जाता है। मां कात्यायनी पूरे ब्रजमंडल की अधिष्ठदात्री देवी हैं। इनके आशीर्वाद से भक्त को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार षष्ठी तिथि की शुरुआत 8 अक्टूबर दिन मंगलवार को 11:17 ए एम से होगी जिसका समापन 9 अक्टूबर को दिन बुधवार 12:14 पी एम तक पर होगा।
मां कात्यायनी (Maa Katyayani) को उनका प्रिय भोग शहद, मिठाई अर्पित करें। मां को जल अर्पित कर दुर्गा चलिसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। मां कात्यायनी को शहद या मीठे पान का भोग लगाना बेहद शुभ माना गया है। माना जाता है कि इससे व्यक्ति को किसी प्रकार का भय नहीं सताता।
मां दुर्गा के छठवें स्वरुप मां कात्यायनी v का प्रिय रंग लाल है। यह रंग साहस और शक्ति प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन लाल रंग धारण करना बेहद शुभ माना जाता है।