हिंदू धर्म में उदया तिथि के अनुसार नवरात्रि व्रत रखा जाता है। इस साल नवरात्रि पर चतुर्थी तिथि की वृद्धि हो रही है, जिस वजह से चतुर्थी का व्रत 2 दिन पड़ा। 6 और 7 अक्टूबर को चतुर्थी व्रत रखा गया। 8 अक्टूबर को पंचमी का व्रत रखा जाएगा। 9 अक्टूबर को षष्ठी का व्रत रखा जाएगा। दृग पंचांग के अनुसार नवरात्रि के पांचवें दिन का व्रत 8 अक्टूबर को ही रखा जाएगा। 9 अक्टूबर 2024 को नवरात्रि का छठा दिन है। नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के छठे दिन मां के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा- अर्चना की जाती है। मां कात्यायनी (Maa Katyayani) का स्वरूप अंत्यत भव्य और चमकीला है। मां की चार भुजाएं हैं और मां का वाहन सिंह है। आइए जानते हैं मां कात्यायनी की पूजा-विधि और आरती…
मां कात्यायनी (Maa Katyayani) पूजा विधि…
– सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं और फिर साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
– मां की प्रतिमा को शुद्ध जल या गंगाजल से स्नान कराएं।
– मां को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें।
– मां को स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
– मां को रोली कुमकुम लगाएं।
– मां को पांच प्रकार के फल और मिष्ठान का भोग लगाएं।
– मां कात्यायनी को शहद का भोग अवश्य लगाएं।
– मां कात्यायनी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
– मां की आरती भी करें।
मां कात्यायनी (Maa Katyayani) की आरती-
जय-जय अम्बे जय कात्यायनी
जय जगमाता जग की महारानी
बैजनाथ स्थान तुम्हारा
वहा वरदाती नाम पुकारा
कई नाम है कई धाम है
यह स्थान भी तो सुखधाम है
हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी
हर जगह उत्सव होते रहते
हर मंदिर में भगत हैं कहते
कत्यानी रक्षक काया की
ग्रंथि काटे मोह माया की
झूठे मोह से छुडाने वाली
अपना नाम जपाने वाली
बृहस्पतिवार को पूजा करिए
ध्यान कात्यायनी का धरिए
हर संकट को दूर करेगी
भंडारे भरपूर करेगी
जो भी मां को ‘चमन’ पुकारे
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।