Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

INS विक्रांत के बाद दुश्मनों के छक्के उड़ाने के लिए नौसेना को मिलेगा ‘तारागिरी’

taragiri

taragiri

नई दिल्ली। आईएनएस विक्रांत के बाद दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय नौसेना को मिलने वाला एक और ताकतवर जंगी जहाज आज लॉन्च कर दिया गया। प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट के तहत भारतीय नौसेना के लिए निर्मित पांचवां जहाज ‘तारागिरी’ (Taragiri) रविवार को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई में लॉन्च किया गया। आधुनिक हथियारों से सुसज्जित इस जहाज के मिलने से भारतीय सेना समुद्री लड़ाई के लिहाज से और ज्यादा मजबूत होगी।

नेवी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (पश्चिमी क्षेत्र) की अध्यक्ष चारु सिंह ने एक सादे समारोह में प्रोजेक्ट 17ए के ‘तारागिरी’ फ्रिगेट को लॉन्च किया। ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सम्मान में राजकीय शोक के चलते कोई भव्य समारोह नहीं हुआ। पश्चिमी नौसेना कमान के एफओसी-आईएन-सी वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि ‘तारागिरी’ (Taragiri) निश्चित रूप से भारतीय नौसेना की ताकत में तब और इजाफा करेगी, जब यह नीले पानी में अपना रास्ता बनाएगी। ‘तारागिरी’ (Taragiri) पूर्ववर्ती लिएंडर क्लास एएसडब्ल्यू फ्रिगेट का पुनर्जन्म है, जिसने 16 मई 1980 से 27 जून 2013 तक राष्ट्र को अपनी शानदार सेवा दी थी। तीन दशकों की सेवा के दौरान इस जहाज ने कई चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन देखे थे।

प्रोजेक्ट 17ए कार्यक्रम के तहत कुल सात जहाजों में से 04 मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई (एमडीएल) में और 03 गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, कोलकाता (जीआरएसई) में बनाये गए हैं। एमडीएल और जीआरएसई में दो-दो यानी चार जहाज 2019 और 2022 के बीच उदयगिरि, दूनागिरी, नीलगिरि, हिमगिरी लॉन्च किए जा चुके हैं। भारत में पर्वत श्रृंखलाओं के नाम पर जहाजों का नाम नीलगिरि, हिमगिरी, उदयगिरी, दूनागिरी, तारागिरी, विंध्यगिरी और महेंद्रगिरी रखा गया है। स्टील्थ फ्रिगेट्स जैसे जटिल फ्रंटलाइन जहाजों के स्वदेशी निर्माण ने देश को जहाज निर्माण के क्षेत्र में ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।

गढ़वाल में स्थित हिमालय में एक पहाड़ी श्रृंखला के नाम पर ‘तारागिरी’ प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स का पांचवां जहाज है। यह जहाज प्रोजेक्ट 17 फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) का उन्नत संस्करण हैं, जिसमें बेहतर स्टील्थ फीचर्स, अत्याधुनिक हथियार और सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम हैं। इन जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने इन-हाउस डिजाइन किया है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत प्रोजेक्ट 17 ए जहाजों के उपकरण और प्रणाली के 75% ऑर्डर एमएसएमई सहित स्वदेशी फर्मों को दिए जा रहे हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट के तहत चौथा युद्धपोत ‘दूनागिरी’ 15 जुलाई को कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड में लॉन्च किया था। इसका नाम उत्तराखंड राज्य में एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। यह भी लिएंडर क्लास फ्रिगेट का पुनर्जन्म है, जिसने 33 सालों (05 मई 1977 से 20 अक्टूबर 2010) तक देश की सेवा की। इस दौरान भारतीय नौसेना की विभिन्न चुनौतीपूर्ण संचालन और बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में साथ दिया।

युद्धपोत पर लगाई जा सकती है ब्रह्मोस मिसाइल

भारतीय नौसेना में शामिल किया गया ‘तारागिरी’ (Taragiri) जहाज 3510 टन वजनी है। यह 149 मीटर लंबा और 17.8 मीटर चौड़ा है और इसे दो गैस टर्बाइन व दो मुख्य डीजल इंजनों के मेल से संचालित किया जाएगा। इसकी गति 28 समुद्री मील यानी लगभग 52 किमी प्रति घंटे से अधिक होगी। आईएनएस तारागिरी का डिस्प्लेसमेंट 6670 टन है। यह अधिकतम 59 किमी प्रतिघंटा की गति से समंदर की लहरों को चीरते हुए दौड़ सकता है। इस स्वदेशी युद्धपोत पर 35 अधिकारियों के साथ 150 लोग तैनात किए जा सकते हैं। इस पर ब्रह्मोस मिसाइल की भी तैनाती हो सकती है। तारागिरी (Taragiri) युद्धपोत में एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के लिए 2 ट्रिपल टॉरपीडो ट्यूब्स भी हैं, जो दुश्मन को ढेर करने के लिए काफी है।

Exit mobile version