देवेंद्र फडणवीस के अंडरवर्ल्ड लिंक के आरोपों पर नवाब मलिक की सफाई आ गई है। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने सच को राई का पहाड़ बनाकर पेश किया है। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने यह भी कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि दिवाली के बाद बम फोड़ूंगा, बम तो नहीं फूटा लेकिन अब कल 10 बजे में अंडरवर्ल्ड का हाईड्रोजन बम फोड़ूंगा।
नवाब मलिक ने देवेंद्र फडणवीस पर भी आरोप लगाए। नवाब मलिक ने कहा कि फडणवीस के सीएम रहते पूरे मुंबई शहर को हॉस्टेज बनाकर रखा था। कहा गया कि अंडरवर्ल्ड का सरगना विदेश में बैठकर बीजेपी सरकार के वक्त उगाही करता था।
नवाब मलिक ने अपनी सफाई में कहा कि जिस जमीन का जिक्र हो रहा है वहां उनका परिवार पहले से किरायेदार था। बाद में उसका मालिकाना हक लिया गया। नवाब मलिक ने कहा, ‘जिस जमीन का जिक्र किया गया उस पर कॉपरेटिव सोसाइटी है। जो 1984 में बनी थी। उसे गोवा वाला कंपाउंड नाम से जाना जाता है। वहीं पर हमारा भी गोदाम है। जो तीस साल के लिए लीज पर था। ‘
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि 1996 में शिवसेना-बीजेपी की सरकार थी। 9 नवंबर का दिन था, उस दिन एक चौंकाने वाला नतीजा आया था। उस वक्त नवाब मलिक ने उपचुनाव जीता था। उसी जगह मेरा कार्यालय था। उसी जगह जश्न मनाया था। हम पहले से वहां किरायेदार हैं।
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नवाब मलिक ने कहा कि जमीन की मालकिन ने हमसे संपर्क किया था कि वे लीज की जमीन का मालिकाना हक हमको देना चाहती हैं। इसके बाद जिसके नाम से पावर ऑफ अटर्नी थी, मतलब सलीम पटेल, उससे जमीन ली गई।
नवाब मलिक ने कहा कि हमपर आरोप लगे कि 1.5 लाख फुट जमीन कौड़ी मोल माफिया के जरिए खरीदी गई। लेकिन असल में वहां एक कॉर्पोरेटिव सोसायटी है, जो कि 1984 में बनी थी। इसे ही गोवावाला कंपाउंड कहा जाता है। मुनीरा पटेल से डिवेलपमेंट राइट लेकर रस्सीवाला ने इसपर मकान बनाकर बेचे थे। उसके पीछे हमारा गोदाम है। यह मुनीरा से लीज पर ली गई थी। वहां हमारी चार दुकान भी थी।
मुनीरा पटेल ने पावर ऑफ अटॉर्नी के राइट सलीम पटेल को दिए हुए थे, उनसे हमने लीज के गोदाम का मालिकाना हक लिया। उस वक्त जो कीमत थी, वह दी गई। हमने तो जमीन मालकिन से ली, मालकिन ने ही कहा कि मेरा पावर ऑफ अटॉर्नी (सलीम पटेल) यह है, इससे सब व्यवहार कर लो।
मलिक ने आगे दावा किया कि गोवा वाला कंपाउंड में सरदार वली खान का अब भी घर है और वली खान के पिता वहां गोवावाला परिवार के वॉचमैन के रूप में काम किया करते थे। उन्होंने 300 मीटर के राइट उन्होंने अपने नाम चढ़वा रखे थे, जिनको नवाब मलिक के परिवार ने अपने नाम पर ट्रांसफर कराया था, जिसके पैसे सरदार वली खान को दिए गए।