महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े केस में बॉम्बे हाइकोर्ट से ‘बिना शर्त माफी’ मांग ली है। मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि नवाब मलिक से कहा आप जानबूझकर एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े और उनके परिवार के बारे में बोलते रहे।
इस मामले में समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े ने मलिक पर मानहानि का केस करते हुए 1.25 करोड़ रुपये का हर्जाना भी लगाने की मांग भी की थी।
नवाब मलिक ने बॉम्बे हाइकोर्ट को जो एफिडेविट सौंपा है, उसमें उन्होंने कहा, ‘ मैं बिना शर्त को कोर्ट के सामने माफी मांगता हूं। मैंने 25 और 29 नवम्बर को जो अंडरटेकिंग दी है, उसका मैं सम्मान करुंगा, मेरा ये बिल्कुल भी इरादा नहीं था कि मैं कोर्ट के ऑर्डर का उल्लंघन करुं’। नवाब मलिक ने कहा कि कोर्ट के आदेश का उल्लंघन इसलिए हो गया क्योंकि कुछ पत्रकारों ने उनसे कई विषयों पर सवाल पूछ लिए थे। मैंने ये बयान ये सोचकर दिए थे कि ये केवल इंटरव्यू के हिस्सा होंगे।
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अपने तीने पेज के एफिडेविट में मलिक ने अंत में लिखा, मुझे इस बात की आशा है कि सेंट्रल एजेंसी (एनसीबी) का किसी अधिकारी ने जिस तरह गलत तरीके से उपयोग किया, उनकी ड्यूटी पर सवाल उठाने से मुझे नहीं रोका जाएगा। वहीं इस मामले में हाइकोर्ट ने मलिक पर टिप्पणी करते हुए पूछा, आप बताएं कि आप पर एक्शन क्यों न लिया जाए? आप जानबूझकर आदेशों का उल्लंघन कर रहे थे।
वहीं इस मामले में जज एसजे काठवाला और मिलिंद जाधव ने सुनवाई की। जज काठवाला ने कहा कि आप, बिल्कुल भी इस अधिकारी (समीर वानखेड़े ) के बारे में नहीं बोलेंगे। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट की एकल पीठ ने नवाब मलिक को आदेश दिया था कि वह समीर वानखेड़े के खिलाफ अब चार महीने तक टिप्पणी नहीं कर सकेंगे।