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कट्टर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और लालव्रत कोल को उम्रकैद

Life Imprisonment

life imprisonment

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश में सोनभद्र की एक अदालत ने शुक्रवार को करीब डेढ़ दशक पहले दो लोगों की अलग अलग गला रेत कर की गयी हत्याओं के मामले में हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और लालब्रत कोल को उम्रकैद (Life Imprisonment) की सजा सुनायी है।

विशेष न्यायाधीश एससी/ एसटी एक्ट सोनभद्र एहसानुल्लाह खान की अदालत ने मांची व कोन थाना क्षेत्र में 15-16 वर्ष पूर्व मेठ जयराम वादी व उदय प्रताप कनौजिया की गला काटकर नृशंस हत्या करने के मामले में सुनवाई पूरी करते हुए दोष सिद्ध पाकर हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा व लालब्रत कोल को उम्रकैद (Life Imprisonment)  व अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न देने पर 3- 3 वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख रूपये मृतक उदय प्रताप कनौजिया की पत्नी लीलावती को मिलेगी। दोनों नक्सलियों को वज्र वाहन से नैनी व जौनपुर जेल से लाया गया था।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक मांची थाना क्षेत्र के चिचलिक गांव निवासी मैनेजर वादी पुत्र गुलाब वादी ने 11 जुलाई 2006 को दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसका भाई जयराम वादी चौरा से खोडैला के रास्ते पर मेठ का काम करता था। 9 जुलाई 2006 को घर से काम पर गया था। चौरा गांव के गहबड़िया जंगल में शाम साढ़े छह बजे भाई का शव गर्दन से अलग पड़ा मिला।

इस तहरीर पर एफ आई आर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई तो मुन्ना विश्वकर्मा निवासी कम्हारडी थाना राबर्टसगंज तथा लालव्रत कोल का नाम प्रकाश में आया। इस मामले में अदालत ने दोनों नक्सलियों को उम्रकैद (Life Imprisonment)  व 54-54 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3- 3 वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं दूसरा मामला कोन थाना क्षेत्र का वर्ष 2007 का है। 26 फरवरी 2007 को कोन थाने में दी तहरीर में लीलावती पत्नी उदय प्रताप कनौजिया ने अवगत कराया था कि प्रधानी चुनाव में उसके जेठ चुनाव लड़ने वाले थे और उसका पति उनका साथ दे रहे थे। बीरबल चेरो और उनके साथी न बैठने पर हत्या करने की धमकी दे रहे थे। जिसकी वजह से जेठ चुनाव नहीं लड़े और बीरबल प्रधान हो गए। जब भी कोई मीटिंग होती तो गलत काम का उसके पति विरोध करते थे। जिसकी वजह से उसके पति से प्रधान नाराज था।

25 फरवरी 2007 को रात 10 बजे मुन्ना विश्वकर्मा अपने साथियों के साथ उसके दरवाजे पर आया और उसके पति को पकड़ कर घर से कुछ दूर ले जाकर टगारी से गला काटकर हत्या कर दिया और घर में आग लगा दी। इस मामले में अदालत ने सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी मुन्ना विश्वकर्मा को उम्रकैद व एक लाख 29 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3 वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक सी शशांक शेखर कात्यायन ने बहस की।

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