नई दिल्ली। एनसीबी की कम मात्रा में भांग रखने वालों की गिरफ्तारी के लिए आलोचना भले ही की जाए, लेकिन वह बड़े तस्करों को मादक पदार्थ बेचने की अनुमति नहीं दे सकती। अस्थाना ने कहा कि देश में मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन की स्थिति बहुत ही गंभीर है। उन्होंने कहा कि दुनिया की 95 फीसद हेरोइन का उत्पादन इन दो इलाकों में होता है।
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देश में म्यांमार और पाकिस्तान-अफगानिस्तान की तरफ से हेरोइन भेजी जाती है। पूरा पूर्वोत्तर और उत्तर पश्चिम बुरी तरह प्रभावित है। जितना धन नशा तस्करी से अर्जित किया जाता है, वह बहुत ज्यादा है। देश में नशे की समस्या बहुत बड़ी है और जब तक राज्य की एजेंसियां साथ नहीं देतीं, तब तक सिर्फ केंद्रीय एजेंसी अकेले इससे नहीं निपट सकती है।
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वास्तव में इसे मौत का क्रिसेंट और मौत का ट्राएंगल कह सकते हैं। मादक पदार्थों से लोगों का जीवन तबाह होता है। यह बात एजेंसी के प्रमुख राकेश अस्थाना ने कही है। वह मंगलवार को ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल द्वारा आयोजित ऑनलाइन सम्मेलन में बोल रहे थे। मादक पदार्थों की तस्करी के परिप्रेक्ष्य में भारत गोल्डन क्रिसेंट पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान तथा गोल्डन ट्राएंगल म्यांमार-लाओस और थाईलैंड के बीच में स्थित है।