नई दिल्ली। एनसीबी (NCB) ने दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में लगभग 100 किलोग्राम ड्रग्स (Drugs) और रुपए गिनने वाले मशीन के साथ 30 लाख रुपए नकद बरामद किया है।
दिल्ली के जामिया नगर के शाहीन बाग (Shaheen Bagh, Jamia Nagar) में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने छापेमारी कर भारी मात्रा में हेरोइन एवं अन्य संदिग्ध पदार्थ बरामद किया है।
NCB ने बरामद किया 50 किलोग्राम हेरोइन और 47 किलोग्राम अन्य ड्रग (Drugs)
NCB ने बुधवार को 50 किलोग्राम हेरोइन और 47 किलोग्राम अन्य ड्रग (Drugs) बरामद किया है। इसके बाद साथ ही पैसे गिनने वाली मशीन के साथ भारी मात्रा में नकदी भी जब्त किया गया है।
NCB के DDG (Operation) संजय सिंह ने बताया कि एनसीबी दिल्ली जोन ने 27 अप्रैल को जामिया नगर के शाहीन बाग में एक आवासीय परिसर में छापेमारी की। इसमें 50 किलोग्राम उच्च गुणवत्ता वाली हेरोइन, 47 किलोग्राम संदिग्ध नशीले पदार्थ, 30 लाख रुपये नकद और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है।
अफगानिस्तान के रास्ते ड्रग्स (Drugs) भारत पहुंची
संजय सिंह ने बताया कि हेरोइन एवं अन्य ड्रग की खेप अफगानिस्तान के रास्ते भारत पहुँची है, जिसे जामिया नगर में छिपा कर रखा गया था। वहीं, जब्त की गई नकदी हवाला के जरिए इकट्ठा करने का अंदेशा है। वहीं, इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने की बात कही जा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कुल कीमत लगभग 400 करोड़ रुपए से अधिक है।
बताया जा रहा है कि ये हेरोइन पेड़ की डालों में कैविटी बनाकर उसमें छिपाकर समंदर और फिर पाकिस्तान बॉर्डर के रास्ते भारत में लाया गया है। इसे फ्लिपकार्ट की पैकिंग में पैक किया गया था। इस ड्रग्स सिंडिकेट के तार पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली सहित देश के कई राज्यों से जुड़े होने का अंदेशा जाहिर किया जा रहा है।
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NCB के DDG ज्ञानेश्वर सिंह के बताया कि इससे पहले भी ये सिंडिकेट अलग-अलग सामान में ड्रग छिपाकर भारत ला चुका है। इस सिंडिकेट से जुड़े लोग हेरोइन मैन्युफैक्चरिंग और अडल्टरिंग में माहिर हैं। वे इसका फायदा जाँच एजेंसियों को चकमा देने में करते हैं। इस सिंडिकेट से जुड़े लोगों के अन्य शहरों के ठिकानों पर भी जाँच चल रही है।
बता दें कि शाहीन बाग वही जगह हैं, जहाँ CAA-NRC के विरोध में महीनों तक सड़कों को जाम रखकर पूरी राजधानी को बंधक बना लिया गया था। यहाँ दिल्ली भर लोगों को लाकर पर प्रदर्शन में बैठाया जाता था और उन्हें रहने-खाने की मुफ्त व्यवस्था की जाती थी। यहाँ तक कहा जाता है कि प्रदर्शन में शामिल करने के लिए लोगों को दिहाड़ी दी जाती थी।