कराइकल। पुडुचेरी के कराइकल में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आगामी चुनावों में पुडुचेरी में एक एनडीए सरकार बनेगी।
अमित शाह पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव से पहले रविवार को भारतीय जनता पार्टी की चुनावी तैयारियों को धार देने पहुंचे हैं। अमित शाह ने पुडुचेरी के कराईकल में कहा, अपने राजनीतिक अनुभव के आधार पर मैं कहता हूं कि अगले चुनाव में पुडुचेरी में भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। अमित शाह ने कहा कि ये पुडुचेरी की भूमि बहुत पवित्र भूमि है। यहां पर कई बार महाकवि सुब्रमण्यम भारती ने कई बार लंबे समय तक निवास किया और श्री अरविंदो ने जब आध्यात्मिक यात्रा शुरू की, तो पुडुचेरी को ही पसंद करके अपना आगे की जीवन यात्रा को इस स्थान से आगे बढ़ाया।
Puducherry: Union Home Minister Amit Shah arrives at Karaikal, to address a public meeting here pic.twitter.com/vymdolP3ib
— ANI (@ANI) February 28, 2021
शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से हम प्रयासशील थे कि पुडुचेरी पूरे देश में मॉडल राज्य बने। प्रधानमंत्री मोदी ने 115 ये ज्यादा योजनाएं यहां के लिए भेजकर राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए कदम बढ़ाए, लेकिन यहां की सरकार ने इन योजनाओं को जमीन पर उतरने नहीं दिया।
कांग्रेस ने भ्रष्टाचार की गंगा बहाई
शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा ने उनकी सरकार को यहां गिराया। अरे, आपने मुख्यमंत्री ऐसा व्यक्ति बनाया था, जो अपने सर्वोच्च नेता के सामने ट्रांसलेशन में भी झूठ बोले, ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया गया। उन्होंने कहा कि इतने सारे बड़े-बड़े नेता भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं, कांग्रेस पार्टी वंशवाद और परिवारवाद के कारण केवल पुदुचेरी में नहीं बल्कि पूरे देशभर में बिखर रही है।
पुदुचेरी में भ्रष्टाचार की गंगा को बहाने का काम नारायणसामी की सरकार ने किया। शाह ने पूछा कि 15,000 करोड़ रुपये मोदी सरकार ने यहां के विकास के लिए भेजे। क्या आपके गांवों में ये पैसा आया है? नारायणसामी की सरकार ने ये 15,000 करोड़ रुपये गांधी परिवार के सेवा में दिल्ली भेज दिया।
निकाय चुनाव को लेकर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय के चुनाव लोकतंत्र में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। आप बताइये ये चुनाव होने चाहिए या नहीं? लेकिन यहां 14 वर्षों से हाईकोर्ट के कहने के बाद भी निकाय चुनाव नहीं हुए। क्योंकि उन्हें डर था कि चुनाव हुआ तो भाजपा का कमल यहां खिल जाएगा।