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पश्चिम बंगाल में दो बजे तक लगभग 54.90 फीसदी मतदान

54.90 फीसदी मतदान

54.90 फीसदी मतदान

 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण में में शनिवार को अपराह्न दो बजे तक लगभग 54.90 फीसदी मतदान हुआ है। यह जानकारी चुनाव आयोग ने दी है।

एक चुनाव अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन क्षेत्र के कई मतदान केन्द्रों के बाहर मतदान शुरू होने से पहले लम्बी कतारें देखी गईं। तेज गर्मी के बावजूद मतदाता बढ़-चढ़कर मतदान कर रहे हैं। राज्य में इक्का-दुक्का हिंसा की घटनाओं को छोड़कर अन्य स्थानों पर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से हो रहा है।

अधिकारी के अनुसार बांकुरा में 57.40 फीसदी मतदान हुआ है, जबकि झारग्राम में 59.23, पश्चिम मेदिनीपुर में 52.60, पूर्वी मेदिनीपुर में 57.75 ओर पुरुलिया में 51.42 फीसदी मतदान हुआ है। उन्होंने बताया कि अभी तक कमोवेश मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है, हालांकि कुछ क्षेत्रों से हिंसा की कुछ छिट-पुट घटनाएं सामने आई हैं।

तृणमूल कांग्रेस नेता माला रॉय और सुदीप बंधोपाध्याय के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल कोलकाता में मुख्य चुनाव अधिकारी से आज मिला और राज्य चुनाव में पहले चरण और अन्य मुद्दों पर चुनाव आयोग को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में विसंगतियों पर उंगली उठाई।

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श्री बनर्जी ने चुनाव आयोग से मिलने के बाद कहा​ कि आज हमने मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात की। पोलिंग एजेंटों को संबंधित इलाके का ही होना चाहिए, लेकिन भाजपा ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि पार्टी जिसको तय करेगी उसी व्यक्ति को एजेंट बनाना चाहिए। हम चुनाव आयोग से दूसरे चरण के चुनाव से इस नियम को बदलने का अनुरोध करते हैं।”
श्री बंधोपाध्याय ने कहा कि भाजपा ने एक ज्ञापन सौंपकर कहा कि किसी को किसी भी बूथ पर एजेंट बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए। यह नया नियम हमें स्वीकार्य नहीं है। हम मांग करते हैं कि अगले चरण के मतदान में एजेंट संबंधित पोलिंग बूथ का स्थानीय व्यक्ति ही होना चाहिए।

उन्हाेंने कहा कि अब पहले चरण का मतदान समाप्त होने वाला है। हम बूथ एजेंटों के लिए स्थानीय लोगों को तैनात करने की मांग करते हैं, फिर सभी के लिए उन्हें पहचानना आसान होगा। मुख्य चुनाव अधिकारी ने हमें आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को गंभीरता से लेंगे।

तृणमूल ने आरोप लगाया कि वोटिंग मशीनों को कुछ स्थानों पर ‘फिक्स्ड’ किया गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी यह जानती है कि वह चुनाव हार रही है और इसलिए वह इस तरह के आरोप लगा रही है। ऐसी शिकायतों के लिए टीएमसी को चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए।

इससे पहले तृणमूल ने दावा किया कि लोग हमारे हक में मतदान कर रहे हैं लेकिन उनकी वोट वीवीपेट मशीन पर भाजपा चुनाव चिह्न पर वोट पड़ना दर्शा रही है। इस पर तृणमूल कांग्रेस ने ट्विटर पर चुनाव आयोग पर सवालिया निशान उठाया है कि मतदान के पांच मिनट के भीतर मतदान प्रतिशत कैसे घटकर आधा रह सकता है। उन्होंने कहा कि यह कैसे हो रहा है। चुनाव आयोग क्या आप बता सकते हैं कि मात्र पांच मिनट के अंतराल में मतदान प्रतिशत कैसे घटकर आधा रह सकता है। यह आश्चर्यचकित करने वाला मामला है। पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी इसे शीघ्र अपनी संज्ञान में लें।

तृणमूल राज्य सभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा कि कांठी दक्षिण (216) और कांठी उत्तर (213) सुबह नौ बजकर 13 मिनट पर क्रमशः 18.47 फीसदी और 18.95 फीसदी मतदान हुआ था लेकिन चार मिनट बाद नौ बजकर 17 मिनट पर मतदान 10.10 फीसदी और 9.40 फीसदी तक कम हो गया। इस तरह की विसंगति चुनाव आयोग की वास्तविकता पर सवाल खड़ा करती है।

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