नीट परीक्षा साल्वर गिरोह का सरगना पीके उर्फ प्रेम कुमार उर्फ नीलेश और उसके सहयोगी रिश्तेदार को पुलिस ने गुरूवार को आखिरकार सारनाथ से गिरफ्तार कर लिया।
लम्बे समय से पुलिस के साथ लुका-छिपी खेल रहे पीके पर बुधवार को ही पुलिस कमिश्नर ने उस पर इनाम बढ़ाकर एक लाख कर दिया था। सरगना के बाद गिरोह के अन्य चिन्हित सदस्य भी शीघ्र गिरफ्तार होंगे।
प्रकरण का खुलासा पहली बार 12 सितम्बर को हुआ था। परीक्षा केन्द्र सारनाथ में बीएयचू की बीडीएस की एक छात्रा को दूसरे की जगह परीक्षा देते पकड़ा गया था। इस धांधली में छात्रा की मां भी गिरफ्तार हुई थी। दोनों से लम्बी पूछताछ के बाद वाराणसी पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश किया था।
दोनों से मिली जानकारी के बाद केजीएमयू के एमबीबीएस के छात्र सहित तीन आरोपी गिरफ्त में आए। इनके पकड़े जाने के बाद से ही पीके फरार चल रहा था। वाराणसी की अदालत से इसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी भी हुआ था।
नीलेश की गिरफ्तारी के लिए वाराणसी की क्राइम ब्रांच की तीन टीमें सम्भावित ठिकाने बिहार, बंगाल व त्रिपुरा में दबिश दे रही थी। पीके के खिलाफ कोर्ट से एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था। पुलिस से पूछताछ में पता चला कि सरगना पीके के पिता उद्योग विभाग से 1990 में रिटायर हुए और पटना में बस गया। पीके ने वहीं से पत्राचार कोर्स के जरिए स्नातक की परीक्षा पास किया था। वह अपने को डॉक्टर बताता है। अपने घर से डॉक्टर जैसे लिबास में ही निकलता था। सरगना के साथ पकड़ा गया रिश्तेदार उसका बहनोई रितेश है।
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रितेश भी बिहार पटना का निवासी है। रितेश उर्फ सोनू बिहार सचिवालय में कार्य करता है। सचिवालय में कला संस्कृति एवं युवा विभाग में उच्च वर्गीय लिपिक के पद पर वर्ष 2004 में नियुक्त हुआ था। पीके की बहन प्रिया डॉक्टर है। निलेश उर्फ पीके को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पाण्डेय प्रभारी सर्विलांस सेल, सब इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह (थानाध्यक्ष सारनाथ), सब इंस्पेक्टर सूरज तिवारी (प्रभारी सराय मोहना थाना सारनाथ) और उनकी टीम है।