रामपुर। (मुजाहिद ख़ान): कोरोना कर्फ्यू के दौरान जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार माँदड़ और पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम ने शहर का मोटरसाइकिल से भ्रमण किया और शहर में आमजन द्वारा कोरोना कर्फ्यू के अनुपालन की स्थिति का जायजा लिया।
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते शासन के निर्देशानुसार रामपुर में लागू शनिवार शाम 8 बजे से सोमवार सुबह 7 बजे तक 35 घण्टे के कोरोना कर्फ्यू के दौरान व्यवस्थाओं का जायज़ा लेने के लिए जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार और पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम ने मोटरसाइकिल से शहर में पेट्रोलिंग की। जबकि शनिवार रात में भी डीएम और एसपी ने मोटरसाइकिलो से शहर में पेट्रोलिंग कर कोरोना कर्फ्यू में नियमों के अनुपालन की स्थिति देखी थी।
वहीं आज दिन में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने अंबेडकर पार्क से राम रहीम पुल, शाहबाद गेट, माला रोड, मिस्टन गंज,किला गेट, जेल रोड और तहसील सहित विभिन्न क्षेत्रों में मोटरसाइकिल से पेट्रोलिंग कर जायजा लिया तथा लोगों को अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने के लिए प्रेरित किया।
भ्रमण के दौरान राजद्वारा रोड पर साफ सफाई व्यवस्था बेहतर न होने पर जिलाधिकारी ने सफाई निरीक्षक का 01 माह का वेतन काटने एवं अधिशासी अधिकारी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा निर्धारित 35 घंटे के कोरोना कर्फ्यू के दौरान व्यापक स्तर पर सैनिटाइजेशन और साफ सफाई व्यवस्था को दुरुस्त कराने के संबंध में पूर्व में ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं इसलिए सैनिटाइजेशन एवं सफाई व्यवस्था में लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि भ्रमण के दौरान रास्ते पर गंदगी मिलना इस बात का प्रमाण है कि सफाई निरीक्षक द्वारा नियमित रूप से सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराने में अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी साफ-सफाई व सैनेटाइजेशन कार्य को गति प्रदान करने के लिए विकास भवन स्थित सफाई वार रूम को सक्रिय बना दिया गया है जिसकी नोडल अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी को बनाया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी क्लस्टर रूप में सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराई जा रही है बीमारी से लड़ने में सैनेटाइजेशन व स्वच्छता एक कारगर उपाय है इसलिए इसे प्राथमिकता से लागू कराया जा रहा है।
कोविड-19 संक्रमित लोगों की ट्रेसिंग कराने के संबंध में उन्होंने कहा कि जनपद में आरटीपीसीआर व एंटीजन टेस्ट व्यापक स्तर पर कराए जा रहे हैं ताकि संक्रमित लोगों को चिन्हित करके उन्हें आइसोलेट किया जा सके। कंटेनमेंट जोन में भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का गंभीरतापूर्वक पालन कराया जा रहा है ताकि वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
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आमजन भी अपनी जिम्मेदारी को समझें और कोविड-19 के कारण उत्पन्न वर्तमान परिस्थितियों में अनावश्यक रूप से घरों से बाहर बिल्कुल न निकले और मास्क व सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखें। जिले में कोविड-19 संक्रमित मरीजों के उपचार में कोई कमी न रहे इसके लिए जिला अस्पताल में 100 बेड क्षमता के साथ-साथ जौहर विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज में भी 150 बेड की क्षमता की व्यवस्था कराई जा रही है ताकि मरीजों के उपचार के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या न उत्पन्न हो इसके साथ ही मरीजों की आवश्यकता के दृष्टिगत पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडरों की भी उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि बिलासपुर स्थित नारायण हॉस्पिटल का भी भविष्य में जरूरत पड़ने पर कोविड-19 हॉस्पिटल के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा स्वार, टाण्डा, बिलासपुर आदि जगहों पर भी निजी अस्पतालों को ज़रूरत पड़ने पर अधिग्रहित किया जा सकता है।
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शासन द्वारा निर्धारित 35 घंटे के कोरोना कर्फ्यू के दौरान नगर पालिका/नगर पंचायतो एवं ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक सैनिटाइजेशन और साफ सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए नगरपालिका/नगर पंचायत क्षेत्रों में 08 अधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक थाना क्षेत्र वार 15 अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है।