नई दिल्ली। सेना के शीर्ष अधिकारियों के दल ने संसदीय समिति को यह जानकारी दी कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लंबी तैनाती के लिए सेना हर लिहाज से तैयार है। भीषण सर्दियों में भी तैनाती की तैयारी की जा रही है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की अगुवाई में शीर्ष सैन्य अधिकारियों के दल ने संसदीय समिति को एलएसी के हालात से अवगत कराया।
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सूत्रों के मुताबिक, जनरल रावत ने समिति को बताया कि चीन के साथ बातचीत से एलएसी पर हालात सामान्य करने में वक्त लग सकता है। दोनों पक्षों को सैनिकों को पीछे हटाने में लंबा समय लग सकता है। हालांकि, सेना किसी भी स्थिति के लिए तैयार है। पूर्वी लद्दाख में कम से कम पांच इलाकों में दोनों सेनाएं आमने सामने हैं।
संसदीय समिति को जानकारी दी गई कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन ने कई जगहों पर घुसपैठ कर बैठा है। मई से पहले तिब्बत इलाके में फौजी अभ्यास के बहाने चीन ने यह हरकत की है। साथ ही चीनी सेना ने करीब 40,000 फौज के साथ भारी साजोसामान की भी तैयारी कर रखी है। इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी हर सेक्टर में पूरी तरह तैनाती की है। अगले महीने शुरू होने वाली असहनीय ठंड में भी फौज की कारगर तैनाती के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं। कई सेक्टर में भारतीय सेना की सैन्य व सामरिक स्थिति चीन के मुकाबले मजबूत है।
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विश्वास बहाली के किए जा रहे उपाय
सेना ने कहा है कि चीन से साथ पिछले कुछ महीनों में पनपी विश्वास की कमी को फिर से बहाल करने की कोशिश हो रही है। कूटनीतिक और विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत के अलावा कोर कमांडर स्तर की पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि, उसका अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। सेना ने बताया कि चीन कई मसलों पर अतार्किक बातें कर रहा है, जिसे नहीं माना जा सकता।