भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) द्वारा आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ समारोह से देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाए जाने के बाद से विवाद खड़ा हो गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने इस मामले में आईसीएचआर की आलोचना की है। राहुल गांधी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ‘देश के प्यारे पंडित नेहरू’ को लोगों के दिल से कैसे निकला जा सकेगा। उन्होंने फेसबुक पर नेहरू के जीवन से जुड़ी कई तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि देश के प्यारे पंडित नेहरू को लोगों के दिल से कैसे निकालोगे?
कांग्रेस के कई नेताओं ने आईसीएचआर की वेबसाइट पर ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ से जुड़ी तस्वीरों का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर साझा किया, जिनमें महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, राजेंद्र प्रसाद, भगत सिंह, मदनमोहन मालवीय और वीर सावरकर के चित्र हैं, लेकिन नेहरू की तस्वीर गायब है।
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इस मामले पर आईसीएचआर की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आईसीएचआर के इस कदम को ‘भद्दा’ करार दिया।
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि कोई भी देश स्वतंत्रता संघर्ष का उल्लेख करने वाली वेबसाइट से अपने पहले प्रधानमंत्री की तस्वीर नहीं हटायेगा, लेकिन यहां पर किया गया, जो बहुत ही ‘तुच्छ’ और ‘अन्यायपूर्ण’ है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि आईसीएचआर ने पंडित नेहरू की तस्वीर हटाकर खुद को कलंकित किया है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट किया, ‘नेहरू जी की फ़ोटो हटाने से क्या खुद का क़द बढ़ जाएगा? बौना, बौना ही रहेगा।’