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MDH और Everest मसालों पर गहराया संकट, अब नेपाल ने भी लगाया बैन

MDH-Everest Spices

MDH-Everest Spices

काठमांडू। नेपाल सरकार ने एवरेस्ट और एमडीएच (MDH-Everest Spices) कंपनियों के कुछ मसालों के आयात और बिक्री वितरण पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।

नेपाल खाद्य गुणस्तर विभाग ने एक नोटिस में जारी कर एवरेस्ट और एमडीएच (MDH-Everest Spices) के कुछ मसालों में आवश्यकता से अधिक कीटनाशक रसायन इथलीन ऑक्साइड की मात्रा पाए जाने के बाद इन मसालों के बिक्री वितरण और आयात पर प्रतिबन्ध लगाने की जानकारी दी है।

विभाग के मुताबिक एमडीएच और एवरेस्ट कंपनियों के मसालों में इथलीन ऑक्साइड की मात्रा खतरनाक स्तर पर मिलने के कारण यह फैसला लेने की जानकारी दी गई है। खाद्य गुणस्तर जांच विभाग के तरफ से बताया गया है कि एमडीएच के मद्रास करी पाउडर, साम्भर मसाला मिक्स पाउडर तथा करी पाउडर पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसी तरह एवरेस्ट के फिस करी पाउडर को भी प्रतिबंधित किया गया है।

कुछ दिन पहले बीबीसी ने एक खबर चलाई थी कि सिंगापुर प्रशासन ने भारत में निर्मित एवरेस्ट और एमडीएच मसालों (MDH-Everest Spices) में स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बताते हुए इसपर प्रतिबंध लगा दिया है। हांगकांग के फूड सेफ्टी विभाग के हवाले से बीबीसी ने इन मसालों में इथलीन ऑक्साइड की मात्रा अधिक होने की बात कही गई थी। इस खबर के बाद ही नेपाल में भी इन मसालों की जांच की मांग उठने के बाद खाद्य गुणस्तर जांच विभाग ने एवरेस्ट और एमडीएच के सभी ब्रांड के मसालों की जांच की थी।

क्या है ये एथिलीन ऑक्साइड?

एथिलीन ऑक्साइड एक रंगहीन गैस है। रूम टेम्परेचर में रखे होने पर इससे मीठी सी गंध आती है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (NCI) के मुताबिक, इस गैस का इस्तेमाल एथिलीन ग्लाइकोल (एंटी फ्रीज) जैसे केमिकल बनाने में किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल टेक्सटाइल, डिटर्जेंट, फोम, दवाएं, एडहेसिव और सॉल्वेंट्स बनाने में भी होता है।

खाने के मसालों में भी इसका थोड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है, ताकि ई। कोलाई और साल्मोनेला जैसे माइक्रोबायल कंटेमिनेशन को रोका जा सके। अस्पतालों में इसका इस्तेमाल सर्जिकल इक्विपमेंट को साफ करने में भी किया जाता है।

कितना खतरनाक है ये?

इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) ने एथिलीन ऑक्साइड को ‘ग्रुप-1 कार्सिनोजेन’ की कैटेगरी में रखा है। इसका मतलब हुआ कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि ये इंसानों में कैंसर का कारण बन सकता है।

जो लोग लगातार इस केमिकल के संपर्क में रहते हैं या सेवन करते हैं तो इससे आंखों, त्वचा, नाक, गले और फेफड़ों में जलन हो सकती है। ये दिमाग और नर्वस सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

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अमेरिका की एन्वायर्मेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (EPA) के मुताबिक, एथिलीन ऑक्साइड के संपर्क में आने से महिलाओं में लिम्फॉइड कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कहीं ज्यादा बढ़ जाता है।

हालांकि, कभी-कभार या बहुत कम मात्रा में इसका सेवन खतरनाक नहीं माना जाता। इसलिए मसालों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। मसालों के अलावा और भी कई खाद्य पदार्थों में इसका इस्तेमाल होता है।

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