काठमांडू। नेपाल में हिंसक विद्रोह के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (PM KP Sharma Oli ) ने इस्तीफा दे दिया है, जिससे देश की राजनीतिक स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है। राजधानी काठमांडू और अन्य बड़े शहरों में भारी विरोध प्रदर्शन हुए, जहां प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन पर कब्जा करने की कोशिश की और कई जगह आगजनी की घटना हुई। प्रदर्शन का मुख्य कारण भ्रष्टाचार, सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और युवाओं की बढ़ती नाराजगी बताई जा रही है।
इस बीच, सरकार में इस्तीफों का दौर भी तेज हो गया है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, शेर बहादुर देउबा, इस्तीफा देने वाले गृह मंत्री रमेश लेखक और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घर शामिल हैं। राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है और गठबंधन सरकार के टूटने की संभावना बढ़ गई है, जो जुलाई 2024 से नेपाल की सत्ता संभाले हुए थी।
प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आए नेपाल के राजा
नेपाल में चल रहे भीषण बवाल के बीच नेपाल के राजा ज्ञानेन्द्र शाह की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे छात्रों का समर्थन किया है और कहा कि नई पीढ़ी के लोगों की समस्याओं को नहीं समझा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी भावनाएं आहत की जा रही हैं।