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राष्ट्रवाद, साहस और त्याग की मूर्ति हैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस : एम. वेंकैया नायडू

एम. वेंकैया नायडू M. Venkaiah Naidu

एम. वेंकैया नायडू

नई दिल्ली। देश के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद, साहस और त्याग की प्रतिमूर्ति हैं ।

नायडू ने शनिवार को सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर लिखें एक लेख में कहा कि सरकार ने नेता जी की जन्म जयंती को देश भर में ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि मैं इस निर्णय का स्वागत करता हूं।

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एक अदम्य शौर्यवान नायक को जिसका नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है, यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी। हम सब जानते हैं कि नेताजी विलक्षण प्रतिभा वाले साहसी नेता थे, जिन्होंने आज़ादी के लिए संघर्ष में कोई कसर बाकी नहीं रखी। उनके समकालीन इतिहास और उनके स्वयं के जीवन वृत्त का अध्ययन करें तो पता चलता है कि राष्ट्रवाद से प्रेरित, भारत को विदेशी शासन की बेड़ियों से मुक्त कराने के जुनून से ओतप्रोत, नेताजी में नेतृत्व का स्वाभाविक गुण था।

नायडू ने ‘जय हिन्द’ के नारे का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘जय हिन्द’ रोजमर्रा का यह अभिवादन हमारी अतःचेतना में रचा बसा है। कभी सोचा किसने इसे इतना प्रचलित कर दिया कि ये फौरन ही आपमें एक ऊर्जा, आवेश भर देता है, अपनी मातृभूमि के लिए आपके कर्तव्य भाव को जगा देता है, राष्ट्रवाद की तीव्र भावना जगा देता है।

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नायडू ने नेताजी के जीवन के विभिन्न आयामों, घटनाओं और कथनों का उल्लेख करते हुए कहा कि नेताजी उत्कृष्ट राष्ट्रप्रेम, नि:स्वार्थ राष्ट्र सेवा, एक बड़े लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण, प्रतिकूल परिस्थिति में अदम्य साहस जैसे उदात्त उदार गुणों की प्रतिमूर्ति थे। वे देश के भविष्य के प्रति आशावादी दृष्टि रखने वाले एक करिश्माई नेता थे। नेता जी भारतवासियों की पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेंगे और देशवासियों में मातृभूमि के प्रति श्रद्धा और प्रेम की प्रेरणा देते रहेंगे।

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