कानपुर। फोन पर ठगी (cyber thugs) के लिये काल करने वालों को सिम उपलब्ध कराने वालों के बड़े नेटवर्क का क्राइम ब्रांच की टीम ने खुलासा किया है। क्राइम ब्रांच ने नेटवर्क के दो सदस्यों को दबोचकर उनके पास से बड़ी मात्रा में प्री एक्टिवेटेड सिम कार्ड और आधार कार्ड भी बरामद किये गये हैं।
इन्हीं आधार कार्ड के द्वारा वोडाफोन आइडिया कंपनी के फर्जी डिस्ट्रीब्यूटर बनकर सिम एक्टिवेट किये जाते थे। फिर यही सिम अच्छी कीमत लेकर ठगों को उपलब्ध कराए जाते थे।
ऐसे खुला मामला
बीती 17 नवंबर को चकेरी निवासी शानू जिसका ट्रांसपोर्ट का काम है। उसके पास एक खुद को फौजी बताने वाले युवक का फोन आया। युवक ने कहा मेरा तबादला हो चुका है। इसके लिये सामान को ट्रांसपोर्ट करने के लिये एक गाड़ी की आवश्यकता है। इसके बाद शानू को उसने एक रुपये भेजने के लिये कहा। पहले तो शानू ने मना किया लेकिन उसने बोला मेरा सरकारी खाता है, यही प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी। इसके बदले तुम्हे दो गुने पैसे वापस मिलेंगे। शानू ने एक रुपया भेजा तो वापस दो आए 500 भेजे तो एक हजार आए। फिर पांच हजार भेजे तो कुछ रुपये वापस आए। इस दौरान फोन आया और बोला नेटवर्क की दिक्कत थी। तुम 15 हजार भेज दो अभी दो गुना आएगा। इसके बाद न फोन आया और न पैसे।
चकेरी में हुई शिकायत
ठगे गये शानू ने थाना चकेरी में शिकायत की तो मामला क्राइम ब्रांच के पास पहुंचा। क्राइम ब्रांच ने अपनी साइबर सेल को जांच के लिये लगाया तो पता चला फोन शुक्लागंज के पास से किया गया था, लेकिन जो सिम है उसे गोविंद नगर से एक्टिवेट किया गया था। इस पर क्राइम ब्रांच ने और गहन जांच करते हुए वोडाफोन आइडिया कंपनी के फर्जी डिस्ट्रीब्यूटर बनकर सिम एक्टिवेट करने वाले दो युवकों को दबोच लिया।
फर्जी ढंग से हो रहा था पूरा काम
क्राइम ब्रांच की साइबर सेल द्वारा ई ब्लाक गोविंद नगर निवासी हर्षित मिश्रा और अभिषेक मिश्रा को पकड़ा गया। दोनों फर्जी कागजों के आधार पर फर्जी आधार कार्ड बनाते थे। इसके बाद इसी फर्जी आधार कार्ड के आधार पर सिम एक्टिवेट कर लेते थे। यह एक्टिवेट सिम औने पौने दाम पर ठगी करने वालों को दिये जाते थे। इन सिम का प्रयोग छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में किया जाता था।