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बच्चे के रोने को कभी न करें नजरंदाज, हो सकती है ये कई वजह

वैसे तो सभी बच्चे रोते हैं, लेकिन एक साल तक के बच्चे अक्सर ज्यादा रोते है ये काफी आम है। बच्चों को जब उनके मन मुताबिक चीजें नहीं मिलती तो वो रोने लगते हैं। आम भाषा में कहें तो बच्चे कुछ कहने की स्थिति में नहीं होते इसलिए वो रो कर अपनी बात आपको समझाने की कोशिश करते हैं।

लेकिन जरूरी नहीं कि आपका बच्चा आपसे कुछ कहना चाहे या फिर आपसे कुछ मांगना चाहे तभी वो रो रहा हो। बच्चे के रोने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जिसे समझना आपके लिए बहुत जरूरी होता है। इसके साथ ही जरूरी ये भी हो जाता है कि बच्चे रात में अचानक उठ कर क्यों रोने लगते हैं।

आपके घर अगर छोटा बच्चा है तो आप इस बात को जानते होंगे कि आपका बच्चा रात में अक्सर उठ कर अचानक रोने लगता है, जिसके बाद आप उसे या तो किसी खेल में व्यस्त करने की कोशिश करते हैं या फिर आप उसे दूध पिलाते हैं। ऐसे में बच्चा चुप तो हो जाता है लेकिन कई बार बच्चे इन सब चीजों के बाद भी रोते रहते हैं।

क्या आप इसकी वजह जानते हैं,तो आइए हम इस बात को समझने की कोशिश करते हैं कि आखिरकार क्यों बच्चे रात में अचानक उठकर रोने लगते हैं। जन्म के बाद बच्चा अलग-अलग तरह के अनुभवों के साथ इस दुनिया को समझने लगता है। जिससे कई बार बच्चों को असहज सा महसूस होने लगता है। आपने देखा होगा जन्म के कुछ महीनों तक बच्चा सिर्फ नींद में ही रहता है। उनके लिए सबकुछ अलग सा होता है। उन्हें इस दुनिया की चीजों को समझने में थोड़ा समय लगता है।

भूख लगना

शुरुआती महीनों में बच्चों को ज्यादा से ज्यादा दूध की आदत हो जाती है, क्योंकि उनकी भूख को शांत करने का एक ही तरीका होता है। इसलिए जब भी बच्चों को भूख लगती है तो वो रोना शुरू कर देते हैं। ऐसा सबके साथ होता है जब बच्चा रोता है तो सबसे पहले बच्चे को दूध ही पिलाया जाता है। इसके बाद उन्हें डकार दिलवाना बहुत जरूरी होता है।

शारीरिक परेशानियां

बच्चों को अक्सर गैस की समस्या ज्यादा रहती है। ऐसे में बच्चों के पेट में काफी दर्द रहने लगता है। इससे राहत देने के लिए उन्हें डकार दिलवाने की जरूरत होती है। आपको बता दें कि बच्चों को स्तनपान या बोतल से दूध पिलाते समय वो साथ में हवा को भी निगल जाते हैं। इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि दूध पिलाने के बाद बच्चे को डकार दिलवाने बहुत जरूरी हो जाता है। इसके साथ ही आप उसे दूध पिलाने के बाद ही पेट की तरफ लेटाकर बच्चे की पीठ को मालिश करने से बच्चे को राहत मिलती है।

दांत निकलते समय दर्द होना

कई बार बच्चे रात में अचानक रोने लगते हैं और न ही वो दूध पिते हैं। ऐसे में बच्चे के माता-पिता काफी परेशान रहते हैं कि बच्चा रात में इतना क्यों रो रहा है। आपको बता दें कि शुरुआती 4 महीनों के बाद बच्चों के दांत निकलने लगते हैं। जिसकी वजह से उन्हें काफी दर्द होता है। इस दर्द को दूर करने के लिए बच्चे खुद ही किसी भी चीज को मुंह में दबाने लगते हैं।

इससे उन्हें आराम मिलता है। इसके लिए आप बच्चों के मसूड़ों पर धीरे से मालिश कर सकते हैं।इसके साथ ही आप उन्हें कुछ ऐसी चीजें दे सकते हैं जिससे फ्रिज में ठंडा कर बच्चे के मसूड़ों की जलन को कम कर सके। इन सबके अलावा अगर आपका बच्चा रोजाना रात में रोता रहे तो हो सकता है उसके शरीर के किसी हिस्से में परेशानी हो या फिर दर्द हो, इसके लिए आपको एक डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।

कई बार बच्चों के कान में भी दर्द होने के कारण वो रात में अचानक उठकर रोने लगते हैं। इन सब चीजों से बच्चे को राहत दिलाने के लिए आप बच्चे को दवाई जरूर दिलवाएं।

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