नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नयी शिक्षा नीति सरकार की नीति नहीं है बल्कि वह देश की शिक्षा नीति है और इससे समाज के सभी लोगों के आपसी संवाद के जरिये लागू किया जाएगा।
श्री मोदी ने सोमवार को यहां नयी शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन उद्घाटन करते हुए यह राय व्यक्त की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिस तरह विदेश नीति या रक्षा नीति किसी सरकार की नहीं होती बल्कि वह देश की होती है उसी तरह यह नयी शिक्षा नीति भी सरकार की नहीं , बल्कि यह देश की शिक्षा नीति है।
देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा नीति और शिक्षा व्यवस्था होती है।शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्र , राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, सभी जुड़े होते हैं। लेकिन ये भी सही है कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल, उसका प्रभाव, कम से कम होना चाहिए: पीएम मोदी https://t.co/ckNiD2DJ1g pic.twitter.com/03WufW6frk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 7, 2020
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उन्होंने कहा कि सरकार तो आती जाती रहती हैं लेकिन विदेश नीति और रक्षा नीति देश की नीति बनी रहती है। नयी शिक्षा नीति देश की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बनाई गई है । इसे तेजी से बदलते समय में और भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया गया है इसलिए इस शिक्षा नीति को लागू करते समय हमें यह देखना होगा कि देश की नीति के रूप में लागू हो रही है या नहीं ।
President Ram Nath Kovind, Prime Minister Narendra Modi and Education Minister Ramesh Pokhriyal participate via video conference in the Governor’s Conference on New Education Policy. pic.twitter.com/Iytu0wBZur
— ANI (@ANI) September 7, 2020
उन्होंने यह भी कहा कि इस शिक्षा नीति पर देश भर में संवाद चल रहा है और हम सबको मिलकर इसके बारे में शंकाओं और आशंकाओं को दूर करना है तथा इसे लागू करना है ।
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उन्होंने यह भी कहा कि आज सूचना और ज्ञान सभी को मुहैया उपलब्ध कराया जा रहा है और टेक्नोलॉजी का भी फायदा गरीबों और गांव के लोगों तक पहुंच रहा है। इस शिक्षा नीति में इन सभी बातों को ध्यान में रखा गया है और लचीलापन की भी बात रखी गयी है।