डायबिटीज (Diabetes) एक सामान्य स्थिति है जो इंडिया में काफी तेजी से फैल रही है। इन सभी मामलों में से 90 प्रतिशत मामले टाइप 2 डायबिटीज के हैं। ऐसा दावा किया गया है कि अगर आपके मुंह से असामान्य गंध आती है तो आपकी ब्लड शुगर हाई हो सकती है यानी आपको डायबिटीज हो सकती है। फल जैसी गंध वाली सांस डायबिटिक कीटोएसिडोसिस का लक्षण हो सकती है जो डायबिटीज (Diabetes) का पहला संकेत हो सकता है।
वेटवॉचर्स के अनुसार, डायबिटिक कीटोएसिडोसिस शरीर के अंदर एक प्रक्रिया है जिसमें इंसुलिन की कमी के कारण खून में हानिकारक कीटोन्स का निर्माण होता है और यह डायबिटीज (Diabetes) का एक असामान्य संकेत है।
ऐसा दावा किया गया है कि डायबिटीज (Diabetes) के कारण सांसों में दुर्गंध भी आ सकती है क्योंकि इस स्थिति के कारण मुंह में ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है। बैक्टीरिया इस चीनी का उपयोग भोजन के रूप में करते हैं जो बाद में संक्रमण और मसूड़ों की बीमारी का कारण बनता है। मसूड़ों की बीमारी मुंह से दुर्गंध के सबसे आम कारणों में से एक है जिसमें मुंह से दुर्गंध आती है।
सांस से आएगी फल जैसी गंध आती है
वेटवॉचर्स ने कहा, सांस से फलों जैसी गंध या स्वाद आती है तो वह डायबिटिक कीटोएसिडोसिस नामक खतरनाक स्थिति का संकेत हो सकता है। डायबिटीज कीटोएसिडोसिस पहला संकेत भी हो सकता है कि आपको टाइप 1 डायबिटीज है। पर्याप्त इंसुलिन के बिना, आपके शरीर को ग्लूकोज से आवश्यक ऊर्जा नहीं मिल पाती है इसलिए यह फैट का उपयोग करने लगता है और कीटोन्स नामक कैमिकल उत्पन्न करता है। फिर जब आपके खून में बहुत अधिक कीटोन्स जमा हो जाते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। हालांकि फल जैसी गंध वाली सांस डीकेए की पहचान है लेकिन यह एकमात्र लक्षण नहीं है। आपको सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है, त्वचा लाल हो सकती है या उल्टियां आ सकती हैं।
डायबिटीज (Diabetes) के आम लक्षण
डायबिटीज (Diabetes) के सबसे आम लक्षणों में कटना या घाव होना, जिसे ठीक होने में अधिक समय लगता है। साथ ही काफी अधिक प्यास के साथ अधिक पेशाब भी लगती है।
यदि आप अपने आपमें डायबिटीज (Diabetes) के चेतावनी संकेत या लक्षण देखते हैं या आपको लगता है कि आपको डायबिटीज का जोखिम हो सकता है तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
सिर्फ मीठा ही नहीं इन चीजों से भी बढ़ता है डायबिटीज़ का खतरा
इस स्थिति का इलाज काफी जरूरी है नहीं तो आगे चलकर हृदय रोग और स्ट्रोक सहित कुछ घातक बीमारियों का खतरा अधिक हो सकता है।