गर्मी का मौसम शुरू होते ही सेहत और त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं भी दस्तक देने लगती हैं। इस मौसम में बड़े ही नहीं बल्कि छोटे बच्चे गर्मियों में होने वाली घमौरियों (Heat Rash) से परेशान रहते हैं। घमौरियों को अंग्रेजी में प्रिक्ली हीट या हीट रैश के नाम से जाना जाता है। घमौरियों (Heat Rash) की समस्या त्वचा के तापमान के बढ़ने से पैदा होती हैं। जिसकी वजह से शरीर में खुजली और चुभन का अहसास होने लगता है। त्वचा से जुड़ी ये समस्या अगर किसी नवजात या छोटे बच्चे को परेशान करने लगे तो पेरेंट्स की चिंता थोड़ी और ज्यादा बढ़ जाती है। आइए जानते हैं आखिर गर्मियों में क्यों हो जाती हैं घमौरियां और क्या हैं इससे बचाव के उपाय।
अहमदाबाद की पीडियाट्रिशियन डॉक्टर रीमा पांड्या ने बताया है कि आप किस तरह गर्मी के मौसम में अपने बेबी को घमौरियां (Heat Rash) होने से बचा सकते हैं। रीमा पांड्या ने अपने इस वीडियो में घमौरियों से बचने के लिए कुछ टिप्स भी दिए हैं। डॉक्टर रीमा कहती हैं कि गर्मी के मौसम में बेबी की स्किन पर ज्यादा मॉइश्चराइजर या टैलकम पाउडर न लगाएं । ऐसा करने से पसीना निकालने वाली ग्रंथियां ब्लॉक हो सकती हैं, जिसकी वजह से त्वचा पर घमौरियां या रैशेज पैदा हो सकते हैं।
नवजात शिशु में घमौरियों (Heat Rash) के लक्षण-
-शरीर पर चकत्ते या दाने।
-त्वचा छूने पर गर्म महसूस होना।
-त्वचा का लाल होना।
-त्वचा पर खुजली होना।
नवजात शिशु में घमौरियों (Heat Rash) के कारण-
-नवजात शिशु को घमौरियां वातावरण में गर्मी या नमी ज्यादा होने पर हो सकती है।
-शिशु की त्वचा पर ज्यादा क्रीम या तेल लगाने पर कई बार पसीने की ग्रंथि ब्लॉक होने की आशंका बढ़ जाती है, जिससे घमौरियां पैदा होने लगती हैं।
-जब शिशु कोई ऐसा कपड़ा पहनता है, जिससे पसीना बाहर नहीं जा पाता, तब भी बच्चों को घमौरियां हो सकती हैं।
-जरूरत से ज्यादा कपड़े पहनने पर भी शिशु को घमौरियां होने की आशंका बढ़ जाती है।
शिशु की घमौरियां (Heat Rash) दूर करने के टिप्स-
-इस बात का खास ख्याल रखें कि शिशु जिस कमरे में लेटा हुआ है,वहां का वातावरण समान्य रखें।
-शिशु को जरूरत से ज्यादा कपड़े ना पहनाएं।
-गर्मियों में शिशु को कुछ देर बिना कपड़े के भी रखें।
-त्वचा छूने पर अगर गर्म महसूस हो तो उसे ठंडा बनाने के लिए आप ठंडी पट्टी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
-डॉक्टर की सलाह के बाद रैशेज क्रीम का भी इस्तेमाल कर सकते