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मनसुख हिरेन केस की जांच अब करेगी एनआईए, गृह मंत्रालय का आदेश जारी

मनसुख हिरेन केस

मनसुख हिरेन केस

मुंबई। मुंबई के एंटीलिया केस में काली स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) करेगी। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें कि पहले इस मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस कर रही थी। बता दें कि बीते 5 मार्च को स्कॉर्पियो के कथित मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद किया गया था।

मनसुख हिरेन की मौत मामले में महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ता यानी एटीएस ने सचिन वाझे समेत 25 लोगों से पूछताछ कर बयान दर्ज किया है। कार के कथित मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत पर काफी सवाल उठ रहे हैं। इन सवालों की जद में सचिन वाझे भी हैं, जिन्हें बीते दिनों मुंबई क्राइम ब्रांच से हटा दिया गया था और बाद में फिर निलंबित भी कर दिया गया। हिरेन की पत्नी ने वाझे पर उनके पति की मौत में संलिप्त होने का आरोप लगाया है।

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एटीएस सूत्रों की मानें तो व्यापारी मनसुख हिरेन की डायटम जांच (डूबकर मौत से संबद्ध मेडिकल जांच) रिपोर्ट से पता चलता है कि जब वह पानी में गिरे थे तब वह जिंदा थे। वैसे यह रिपोर्ट निर्णायक नहीं है। महाराष्ट्र का आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) हिरेन की रहस्यमय मौत की जांच कर रहा है। डायटम जांच डूबकर होने वाली मौत की जांच एवं उसकी पुष्टि में एक अहम माध्यम होती है।

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि डायटम जाचं रिपोर्ट बताती है कि जब वह (हिरेन) पानी में गिरे थे तब वह जिंदा थे। उनके फेफड़े में पानी घुस जाने का पता चला है। हमने इस डायटम बोन नमूने को हरियाणा स्थित अपराध विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा है। उन्होंने कहा कि जांचकर्ताओं को डायटम जांच रिपोर्ट मिल गई है लेकिन यह निर्णायक नहीं है। अधिकारी ने कहा कि विसरा, रक्त नमूने, नाखून क्लिपिंग की रिपोर्ट का भी इंतजार है।

एटीएस के डीआईजी शिवदीप ने डायटम बोन नमूने हरियाणा स्थित प्रयोगशाला में भेजे जाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि एटीएस उन तीन डॉक्टरों का बयान दर्ज करेगी जिन्होंने कालवा में छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में हिरेन का पोस्टमार्टम किया था। इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जांच दल इस बात की भी जांच करेगा कि पोस्टमार्टम के समय सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे अस्पताल में क्यों मौजूद थे।

जानें क्या है पूरा मामला?

उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास बीते 25 फरवरी को विस्फोटक और धमकी भरे पत्र के साथ स्कॉर्पियो एसयूवी कार मिली थी। हिरेन ने दावा किया था कि कार उनकी है, लेकिन घटना से एक हफ्ते पहले वह चोरी हो गई थी। इस मामले में उस समय पेंच आया जब पांच मार्च को ठाणे में एक नदी किनारे हिरेन मृत पाए गए थे। हिरेन की पत्नी ने दावा किया कि उनके पति ने एसयूवी पिछले साल नवंबर में वाजे को दी थी। उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में यह कार लौटाई थी। हालांकि, वाझे ने इससे इनकार किया है।

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