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इस तरह किया जाना चाहिए एकादशी व्रत का पारण, इन नियमों का करें पालन

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi)का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस दिन श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ज्येष्ठ माह में निर्जला एकादशी व्रत 18 जून 2024 को रखा जाएगा। निर्जला एकादशी का व्रत रखने से जीवन में सफलता के रास्ते खुलते हैं। साथ ही बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं।

इस बार निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। आइए, जानते हैं कि निर्जला एकादशी व्रत का पारण किस समय और किस तरह किया जाना चाहिए।

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) पर शुभ योग

इस साल निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) पर एक साथ 3 शुभ योग बन रहे हैं। 3 शुभ योगों के कारण यह तिथि और भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस दिन त्रिपुष्कर योग, शिव योग और स्वाति नक्षत्र का अद्भुत संयोग बन रहा है।

18 जून को दोपहर 3.56 बजे से 19 जून को सुबह 5.24 बजे तक त्रिपुष्कर योग रहेगा। स्वाति नक्षत्र सूर्योदय से दोपहर 3.56 बजे तक रहेगा। शिव योग सुबह से रात 9 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

ऐसे करें व्रत का पारण

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) व्रत का पारण 19 जून को सुबह किया जाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। ये तीन योग 19 जून को शाम 5.23 बजे से अगले दिन यानी 20 जून को शाम 5.24 बजे तक रहेंगे। ऐसे में इस दिन पारण करने से शुभ फल प्राप्त होंगे। भगवान के प्रसाद के साथ ही व्रत का पारण करना चाहिए।

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